Breaking News

कोरोना संक्रमितों का भी हो रहा है बिना रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम्स में ऑपरेशन,सीएमओ लाचार,एम्बुलेंस संचालकों द्वारा हो रही लूट



मधुसूदन सिंह

बलिया। नगर की सीमा में धड़ल्ले से संचालित अवैध नर्सिंग होम्स में कोरोना संक्रमितों कभी ऑपरेशन किये जाने की खबरे मिल रही है । सीएमओ बलिया के कार्यालय से मात्र 200 गज की दूरी के सर्किल में संचालित अवैध नर्सिंग होम्स की बाढ़ है ,फिर भी सीएमओ साहब हो या इसके नोडल अधिकारी की नजरों में यह दिखता ही नही है या किसी खास वजह से देखने की कोशिश ही नही करते है । इनकी उदासीनता से जहां इनके कार्यालय के आसपास अवैध अस्पतालों ,अल्ट्रासाउंड केंद्रों,पैथोलॉजी की बाढ़ आयी हुई है ,अब तो यह भी सुनने में आ रहा है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजो का भी इन अस्पतालों में धड़ल्ले से ऑपरेशन भी किया जा रहा है । सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यहाँ प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन जनपद के बाहर के किसी चिकित्सक के नाम पर कराया जाता है,और बताया जाता है कि इस अस्पताल में चिकित्सकों को ऑन कॉल बुलाया जाता है । आप खुद ही अंदाजा लगाइये कि गाजीपुर ,मऊ , वाराणसी का चिकित्सक जिसके नाम पर अस्पताल चल रहा है मरीज के भर्ती होने के कितनी देर बाद पहुंचेगा ? यह स्थिति पूरे जनपद में है । ऐसे अस्पतालों में रोज सैकड़ो मरीजो की जिंदगियां खतरे में झोलाछाप चिकित्सको के कारण होती है लेकिन बलिया के सीएमओ को इसकी चिंता ही नही है ।

वाराणसी मऊ ले जाने के लिये एम्बुलेंस संचालक मचाये है लूट

मुशीर जैदी

बलिया ।। प्राइवेट नर्सिंग होम और तथाकथित अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों अथवा ऑक्सीजन की कमी से जिला चिकित्सालय से वाराणसी के लिए रेफर किए जाने वाले मरीजों को वाराणसी पहुंचाने के लिए इन निजी अस्पतालों से संम्बध्द एंबुलेंस संचालकों द्वारा लूट मचायी जा रही है । आम दिनों में  बलिया से वाराणसी जाने का किराया  ₹4500 सामान्य रूप से लिया जाता है। परंतु कोरोना काल में इन निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा मुसीबत में फंसे कोरोना  अथवा ऑक्सीजन की कमी के मरीजों को वाराणसी पहुंचाने के नाम पर 10हजार से 15हजार के बीच किराया की मनमाने ढंग वसूली की  जा रही है, जो किसी भी सामान्य रोगी या आम आदमी के लिए आवश्यकता से अधिक है और उस पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ के समान है, जो एक अमाननीय कृत्य भी है।, ऐसा करने वालों के विरुद्ध जिला प्रशासन को तत्काल महामारीअधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही है ।स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा इस महामारी के समय में पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक मानसिक रूप से परेशान परिवारों पर पड़ रहा है। यदि  ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसे ही मरीज लूट जाते रहेंगे। देखना यह है कि जिला प्रशासन इन निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम और उससे संबंधित एंबुलेंस की वैधता की जांच के साथ-साथ रोड परमिट आदि की भी गहनता से जांच कर दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करता है अथवा नहीं।