Breaking News

पूर्वांचल के काशी से हुआ था भारत में आधुनिक नृत्य का जन्म : हमको हमसे बेहतर कोई नहीं निखार सकता -अरविन्द चित्रांश

 



  वाराणसी ।।  16दिसंबर पूर्वांचल!आधुनिक नृत्य का जन्म भारत में काशी से ही हुआ था,आधुनिक नृत्यकला के जन्मदाता उदय शंकर जी बनारस के बंगाली टोला के रहने वाले थे जिनका ननिहाल पूर्वांचल के गाजीपुर में है,शुरुआती दौर में फोटोग्राफी और संगीत शिक्षा अपने ननिहाल गाजीपुर में लेने के बाद वर्ष 1912 में बनारस आकर एक नृत्य समूह का निर्माण किए,वर्ष 1925 में उदय शंकर देश के बाहर जाकर नृत्य सम्राट के रूप में दुनिया में अपनी पहचान बनाए,आप के चार भाई थे और चारों संगीत के साधक थे,बड़े भाई देवेंद्र शंकर घर पर रहते थे,जबकि छोटे भाई रवि शंकर राष्ट्रीय स्तर के सितार वादक बने,वहीं पर भूपेंद्र शंकर,राजेंद्र शंकर ने भी गीत संगीत की दुनिया में अपना जीवन अर्पण कर दिए,इसी परंपरा को दुनिया में ऐतिहासिक रखने के लिए पूर्वांचल के सभी कलाकार अपनी अपनी पहचान बनाने की तैयारी में पीछे नहीं हटते हैं,

     हमको हमसे बेहतर कोई नहीं निखार सकता , यह कहना है आजमगढ़ की उभरती हुई जबरदस्त नृत्यांगना तान्या श्रीवास्तव का! साथ में माही ,अंशिका और सृष्टि जो किसी भी स्थिति परिस्थिति में, कहीं भी किसी जगह अपनी नृत्यकला के अभ्यास में जी जान लगाते हुए दिखती रहती हैं,

    पूर्वांचल के लोककला संरक्षक, ए. आर.इंटरटेनमेंट के निर्माता-निर्देशक अरविंद चित्रांश ने कहा कि मैं एक ऐसा संस्कृति प्रेमी हूं जो पारंपरिक कलाओं और शास्त्रीयता को ही पसंद करता हूं,आधुनिक नृत्य प्रदर्शनकारी होता है,जिसमें श्रद्धा नहीं होती है,केवल शरीर के लिए अच्छे हैं, मस्तिष्क के लिए नहीं।