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विभागीय अधीनस्थों के लिये नीलकंठ थे निवर्तमान पुलिस अधीक्षक -अपर पुलिस अधीक्षक




जाते जाते पुलिस अधीक्षक दे गये बड़ी सीख- संवादहीनता कर देती है नुकसान,अहम से रहे दूर -देवेन्द्र नाथ

मधुसूदन सिंह

बलिया ।। सरकारी नौकरी में स्थानांतरण एक प्रक्रिया का हिस्सा है ,सभी को निश्चित समयावधि के बाद दूसरी जगह के लिये जाना होता ही है । यह अलग बात है कि कुछ जगह ऐसे लोग मिल जाते है,इतने आत्मीय हो जाते है कि जाते वक्त मन उदास हो जाता है । फिर भी यादों को दिल मे संजोकर आगे का सफर आसानी के साथ तय किया जा सकता है । बलिया बागियों की धरती कहलाती है लेकिन यहां बागी कम आत्मीय लोग ज्यादे मिले , इस कारण पहली पोस्टिंग में ही कब 23 माह गुजर गये पता ही नही चला । यहां की मीडिया ने भी मुझे हमेशा सहयोग दिया और मौका पड़ने पर मैने मीडिया की आलोचनाओं से ही सीख लेकर कमियों को दूर करने का प्रयास भी किया ।

मेरा मानना है कि किसी भी क्षेत्र में संवादहीनता नही होनी चाहिये । क्योंकि संवादहीनता से बड़ा नुकसान हो जाता है । मैं अपने सभी अधीनस्थों को यही सलाह दूंगा कि अपने अपने कार्यक्षेत्र में अहम को छोड़कर जनता हो या मीडिया या जन प्रतिनिधि किसी से भी संवादहीनता की स्थिति मत आने दीजियेगा । अगर ऐसा कर गये तो क्षेत्र में आप अमन चैन कायम रखने में सफल हो सकते है । यह उदगार बलिया के निवर्तमान पुलिस अधीक्षक अब पुलिस अधीक्षक सीबीसीआईडी लखनऊ ने अपने विदाई समारोह में कही । कहा कि घटनाएं एकदम से रुक जाए ऐसा संभव नही है लेकिन आपराधिक घटनाओं के घटित होने के बाद कितनी जल्दी सही अपराधी जेल भेजे जाते है यह महत्वपूर्ण है ।

अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने कहा कि हमारे निवर्तमान पुलिस अधीक्षक अधीनस्थों के लिये नीलकंठ की तरह रहे ।अधीनस्थों की गलतियों के लिये खुद आरोपो को झेल जाते थे लेकिन मातहतों पर आंच नही आने देते थे । कहा कि ऐसे नेतृत्वकर्ता अधिकारी बहुत कम मिलते है । इनके नेतृत्व में जो भी कार्यरत रहे , सब ने कुछ न कुछ सीखा ही है । मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि सर जहां भी रहे सफल रहे,स्वस्थ रहे ।

इस विदाई समारोह का संचालन सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह ने किया । इस विदाई समारोह में जनपद के सभी सीओ,थानेदार शामिल रहे । अंत मे सभी लोगो ने रस्म अदायगी में निवर्तमान पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ की गाड़ी को धक्का देकर विदाई दी ।