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साजिश : शाकाहारी मिठाइयों में मांसाहार की परत

 












बलिया ।। होली हो या दीवाली खूबसूरत चांदी की वर्क लगी मिठाइयों को अगर आप शाकाहार समझ कर खा रहे है तो रुकिये क्योकि एक साजिश के तहत आपको महंगी मिठाइयों में शाकाहार की जगह मांसाहार मिलाकर आपके धर्म को भ्रष्ट करने का कुचक्र वर्षो से साजिश के तहत चलाया जा रहा है । जी हां, यह सोलह आने सही खबर है । चांदी का वर्क बनाते समय इसमे भेड़ की खाल का प्रयोग किया जाता है । यही नही पान खाने के शौकीनों के लिये भी यह बुरी खबर है क्योंकि पान पर लगा चांदी का वर्क भी भेड़ बकरियों के खाल से तैयार होता है । इसकी खबर लगते ही केंद्र सरकार ने एक आदेश 1 अगस्त 2017 को जारी भी कर दिया था लेकिन आज भी यह धड़ल्ले के साथ हो रहा है ।सरकार ने आदेश में कहा है कि चांदी के वर्क को बनाते समय किसी भी प्रकार के जानवरों के चमड़ों का प्रयोग न हो । भेड़ की खाल से चांदी का वर्क बनाने का यह कारोबार वाराणसी, मेरठ,संभल ,आगरा,कानपुर,मथुरा,इंदौर

,मुम्बई,हैदराबाद आदि शहरों में धड़ल्ले से हो रहा है और साजिश के तहत शाकाहारियों को मांसाहार खिलाया जा रहा है । चांदी का वर्क बनाने के लिये ऑटोमैटिक मशीन भी है जो 2 करोड़ के करीब की आती है और इसमे बनी चांदी की वर्क महंगी पड़ती है जबकि जानवरो के खाल के अंदर रखकर पीटकर बनाई गई वर्क सस्ती होती है और इसकी मांग बाजारों में ज्यादे होती है ।

वर्षो से जो आपकी पहली पसंद चांदी की वर्क वाली मिठाईयां जितनी सुंदर है उसके बनने की हकीकत उतनी ही घिनौनी है ।  जिन चांदी के वर्क लगी मिठाई को शाकाहारी के नाम से परोसा व बेचा जाता है ,दरअसल वो शाकाहारी नही मांसाहारी है । सरकार ने भी अब एक नोटिफिकेशन जारी कर के चांदी के वर्क बनाने में जानवरों के अंश का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया  हैं । स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जो गाइड लाइन जारी की है उसके अनुसार चांदी का वर्क  ना सिकुड़ा हुआ हो और ना ही मुड़ा हुआ हो ,चांदी के वर्क का वजन 2.8 ग्राम प्रति स्क्वायर मीटर तक होना चाहिए ।  






(साभार एबीपी न्यूज ,विनीता यादव संवाददाता)