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बलिया एनएचएम में नया फर्जीवाड़ा : गोपनीय तरीके से हो गया आशाओ का चयन, 3 जनवरी से पहला बैच कर रहा ट्रेनिंग

बलिया एनएचएम में नया फर्जीवाड़ा : गोपनीय तरीके से हो गया आशाओ का चयन, 3 जनवरी से पहला बैच कर रहा ट्रेनिंग
मधुसूदन सिंह

बलिया 9 जनवरी 2020 ।। लगता है बलिया में एनएचएम व विवाद का चोली दामन का साथ है । अभी एनएचएम में फर्जी तरीके से चेक काटकर उसका भुगतान लेने के चक्कर मे चार लोगों का जेल यात्रा का प्रकरण अभी शांत भी नही हुआ था कि गोपनीय तरीके से भारीभरकम चढ़ावा लेकर आशाओं के चयन का मामला प्रकाश में आया है । चयन ही नही हुआ है , इनके पहले बैच का प्रशिक्षण भी सीएमओ बलिया के आदेश से 3 जनवरी 2020 से 7 दिनों के लिये चल भी रहा है । इस बैच में ऐसी 10 आशाओ का भी प्रशिक्षण चल रहा है जिनके चयन को निरस्त करने के लिये एमओआईसी ने लिखित रूप से सीएमओ बलिया को प्रशिक्षण से बहुत पहले ही पत्र भेजा हुआ है । बावजूद अगर ऐसी आशाओ का प्रशिक्षण चल रहा है तो निश्चित ही कोई न कोई बात तो है ही ।
बता दे कि पिछले 6 माह से एमओआईसी अपने अपने क्षेत्रों में आशाओ के चयन के नाम पर अपनी सेटिंग किये हुए थे । इसका भी सूत्रधार जेल में बंद मुन्ना बाबू और डीसीपीएम बताये जा रहे है । बता दे कि जिस गांव में आशाओ की आवश्यकता थी , उस गांव में इस संबंध में कोई खुली बैठक हुई ही नही है । बावजूद इसको फर्जी तरीके से कागजो में बैठक दिखाकर आशाओ का चयन कर लिया गया है । अगर इसकी सच्चाई जाननी हो तो चयनित ग्राम सभाओं की खुली बैठक बुलाकर इसकी सच्चाई मालूम की जा सकती है , दूध का दूध व पानी का पानी अलग हो जायेगा । इस चयन में जमकर दक्षिणा ली गयी है , यह सूत्रों ने बताया है ।

   सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि एमओआईसी रतसर डॉ संजय वर्मा के द्वारा अपने पूर्व के एमओआईसी डॉ केशव प्रसाद द्वारा चयन करके भेजी गई आशाओ की सूची को निरस्त करने के लिखित पत्र सीएमओ को भेजने के बावजूद ऐसी आशाओ की ट्रेनिंग करानी कही न कही दाल में काले की तरफ इशारा तो कर ही रहा है ।
  बता दे कि डॉ केशव प्रसाद ने सूची पर तब हस्ताक्षर किये है जब उनका रतसर से स्थानांतरण होने का आदेश निकल चुका था । ऐसे में इनको कोई भी नीतिगत निर्णय करने का जब अधिकार ही नही था तो सूची भेजे कैसे यह सबसे बड़ा सवाल है ? इससे भी बड़ा आश्चर्य इस बात का है कि वर्तमान एमओआईसी द्वारा सूची निरस्त करने के लिखित अनुशंसा को सीएमओ बलिया ने क्यो नही माना ?

बता दे कि डॉ केशव प्रसाद स्थानांतरित Mo/Icरतसड़ एवं
अनिल कुमार बीसीपीएम रतसड़ द्वारा गलत तरीके से नई आशाओं की नियुक्ति की गई है जबकि आशाओं के नियुक्ति में हो रहे विवाद को देखते हुए वर्तमान MO/Ic डा संजय वर्मा द्वारा उक्त नियुक्ति को निरस्त करने की अनुशंसा भी की गई है और पुर्व स्थानांतरित डॉ केशव प्रसाद के हस्ताक्षर से बीसीपीएम द्वारा नई आशाओ के चयन सूची को वर्तमान प्रभारी डॉ संजय वर्मा के जानकारी में लाए बगैर आशाओं को प्रशिक्षण के लिए भेजा है जिसके कारण बीसीपीएम अनिल कुमार के विरुद्ध कार्रवाई हेतु डीओ भी लिखा गया है। बावजूद इसके डीसीपीएम बलिया, नोडल अधिकारी एन एच एम बलिया और  स्थानांतरित MO/IC डॉ केशव प्रसाद एवं अनिल कुमार बीसीपीएम के मिलीभगत से गलत तरीके से चयनित आशाओं को प्रशिक्षण कराया जा रहा है।



सैकड़ो आशाओ का हो गया है गोपनीय तरीके से चयन
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार पूरे जनपद में सैकड़ो आशाओ का चयन गुपचुप तरीके से कर लिया गया है और उनको ट्रेनिंग दिलाने की कार्यवाही भी शुरू हो गयी है । बता दे कि आशाओ का चयन ग्राम सभाओं के द्वारा खुली बैठक के द्वारा चयनित महिलाओ की भेजी गई सूची के द्वारा किया जाता है । केकिन इस बार इतने गोपनीय तरीके से चयन किया गया है कि यह भी हो सकता है कि प्रधानों द्वारा भेजी गई सूची बताकर जिससे चयन हुआ है , वह भी फर्जी हो ?