Breaking News

लखनऊ : खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे, डीएचएफएल मामले में हज़ारों परिवारों का भविष्य दाव पर लगा है, ऊर्जा मंत्री को जबाब देना ही होगा: अजय कुमार लल्लू


खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे, डीएचएफएल मामले में हज़ारों परिवारों का भविष्य दाव पर लगा है, ऊर्जा मंत्री को जबाब देना ही होगा: अजय कुमार लल्लू

जनता के सवालों से नहीं बच सकते हैं ऊर्जा मंत्री: अजय कुमार लल्लू

ऊर्जा मंत्री समेत पूरी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है

ऊर्जा मंत्री तत्काल बर्खास्त हों, दोषियों की हो गिरफ्तारी: अजय कुमार लल्लू

डीएचएफएल मामले में उठे सवालों का जबाब दें ऊर्जा मंत्री
ए कुमार

लखनऊ, 18 नवम्बर 2019।। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने डीएचएफएल मामले में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से 8 सवाल पूछें हैं। उन्होनें जारी प्रेस नोट में कहा कि डीएचएफएल मामले करीबी 45 हज़ार परिवारों का भविष्य दाव पर लगा है। माननीय मंत्री श्रीकांत शर्मा को अपने राजधर्म का पालन करते हुए सवालों का जबाब देना चाहिए। वे जनता के सवालों से नहीं बच सकते हैं। कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डीएचएफएल मामले में बार बार सवाल उठ रहा है लेकिन ऊर्जा मंत्री  श्रीकांत शर्मा समेत पूरी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है।

उन्होंने कहा कि डीएचएफएल मामले को लेकर हम फिर से माननीय ऊर्जा मंत्री जी से सवाल पूछ रहे हैं, उम्मीद है कि वे हमारे सवालों जबाब देंगे। योगी आदित्यनाथ जबाबदेही और जिम्मेदारी लेते हुए अपने कैबिनेट से ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त करें।

1. उत्तर प्रदेश सरकार डीएचएफ़एल में  प्रॉविडेंट फ़ंड निवेश को लेकर जितनी भी इन्वेस्टमेंट के लिए बैठकें हुईं उनके एजेंडे और उसके सापेक्ष हुई बैठक के मिनट को सार्वजनिक करें , ताकि यह देखा जा सके कि एजेंडा क्या था और निर्णय क्या हुए ? निर्णयों से कौन सहमत और असहमत था , यहाँ यह भी जानना आवश्यक है की एजेंडा किस तारीख़ को जारी किया गया ? बैठकें कब हुई ?

2. एजेंडा बनाने की ज़िम्मेदारी किसकी होती है ? क्या एजेंडा बनाने वाला ख़ुद से एजेंडा तय करता है ? अजेंडा नियत करने के निर्देश मौखिक थे ? यदि मौखिक थे तो किसके थे यदि लिखित थे तो उस नोट पर किसके आदेश और दस्तखत है ?

3. 2018 में अगर डीएचएफ़एल ने प्रस्ताव दिया तो पहले कैसे निवेश हुआ ? यह विसंगति कैसे ? क्या पूर्व में भी कोई प्रस्ताव डीएचएफ़एल द्वारा दिया गया था ?

4. क्रेडिट रेटिंग के सापेक्ष निवेश किए जाने का आधार और गाइड लाइंज़ क्या है ? वित्त विभाग इस पर मौन क्यूँ है?

5. Conspiracy Laws के तहत मदद करने वाले , सलाह देने वाले , अगर अप्रत्यक्ष रूप से भी शामिल है तो क्या सरकार उन पर कार्यवाही करेगी?

6. संजय अग्रवाल , आलोक कुमार , अपर्णा , विशाल चौहान की भूमिका पर सरकार स्पष्ट करे की minutes of the meeting में यह कैसे पास कर दिया गया की आगे की निवेश की ज़िम्मेदारी सचिव ( ट्रस्ट ) और निदेशक वित्त की सलाह / अनुमोदन पर होगा?

7. तारीख़ 24.3.17  के कार्यव्रत में निवेश को लेकर राष्ट्रीय बैंक / ट्रिपल AAA क्रेडिट रेटिंग कम्पनी में निवेश बदलकर Govt Notification 02/03/2015 के अनुसार करने का प्रस्ताव पास किया  गया । यह नोटिफ़िकेशन क्या  ? अखिलेश यादव  के समय किया गया नोटिफ़िकेशन  का आधार क्यू लिया ? क्या पूर्ववर्ती सरकार  ने कोई नोटिफ़िकेशन ऐसा जारी किया तो क्यूँ ?

8. दिनांक 21.03.17 पर तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने सहमति जताते हुए स्पष्ट लिखा था की बैठक अवश्य अप्रैल माह में बुला ली जाय , अप्रैल की बैठक हुई की नहीं यदि हुई तो किसकी उपस्तिथि में ?