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आखिर मुन्ना बाबू को क्यो बचा रहे है सीएमओ बलिया ? कमिश्नर आजमगढ़ के पिछले बुधवार के जारी आदेश पर कब होगी कार्यवाही ?

आखिर मुन्ना बाबू को क्यो बचा रहे है सीएमओ बलिया ? कमिश्नर आजमगढ़ के पिछले बुधवार के जारी आदेश पर कब होगी कार्यवाही ?
मधुसूदन सिंह

बलिया 26 नवम्बर 2019 ।। अपने उच्चाधिकारियों के हर आदेश को तत्काल मानने वाले सीएमओ बलिया डॉ प्रीतम कुमार मिश्र , पिछले बुधवार को आयुक्त आजमगढ़ कनक त्रिपाठी के आदेश के वावजूद आखिर आने सबसे चहेते बाबू मुन्ना पटेल को निलंबित करने की संस्तुति क्यो नही कर रहे है , यह लोगो मे कौतूहल बना हुआ है । आखिर वो कौन सी अदृश्य शक्ति है जो सीएमओ बलिया को ऐसा करने से रोक रही है ? यह इस लिये कहा जा रहा है क्योंकि यही सीएमओ साहब , जब आयुक्त कनक त्रिपाठी ने चार बाबुओ के चरित्र को संदिग्ध करने का आदेश दिया तो तुरंत अमल कर लिये थे लेकिन मुन्ना बाबू प्रकरण में चुप्पी साध लिये है ? लोगो ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि मुन्ना के पास सीएमओ बलिया की दुखती रग की कुंजी है, जिसके डर से सीएमओ बलिया ऐसा नही कर पा रहे है ।
  वैसे सीएमओ बलिया का चाहे डीडीओ का चार्ज देना हो, चाहे मुख्य स्टोर का चार्ज देना,चाहे एनएचम का चार्ज देना हो, इनको पाक साफ अधिकारी मिले ही नही है । इन्होंने इनका प्रभार जिसको भी दिया है वे लोग या तो पहले से ही भ्रष्टाचार की जांच का सामना कर रहे है , अपनी कार्य संस्कृति से हमेशा संशय के घेरे में रहे है । जिस डॉ राजनाथ को सीएमओ साहब ने डीडीओ और मुख्य स्टोर का प्रभारी बना रखा है उनको मंत्री उपेंद्र तिवारी ने ही भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कराकर जनपद से बाहर का तबादला कराया था । आज एक बार फिर वही डॉ राजनाथ सीएमओ के बाद सबसे ताकतवर अधिकारी के रूप में बलिया में कार्यरत है । सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन अधिकारियों कर्मचारियों पर बलिया के मंत्रियों सांसदों विधायको की टेढ़ी नजर हो, जिनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये हो , उन अधिकारियों कर्मचारियों को और महिमा मंडित करके सीएमओ बलिया क्या दर्शना चाहते है ? क्या दिशा की बैठक में जिस बाबू के खिलाफ सांसदों विधायको ने मुखरित होकर कार्यवाही की मांग की थी उस बाबू को कमिश्नर के आदेश के वावजूद अगर सीएमओ बलिया बचा रहे है तो इसको क्या समझा जाय ? क्या सांसदों विधायको और कमिश्नर के आदेश भी मुन्ना बाबू के लिये सीएमओ की नजर में काफी नही है ? क्या मुन्ना के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये सीएमओ बलिया को मुख्यमंत्री के आदेश की जरूरत है ?

कब लगेगी सीएमओ बलिया के जनपद से बाहर रहने पर रोक ?

हाईकोर्ट मीटिंग के नाम पर जनपद से हफ़्तों हफ़्तों गायब रहने वाले सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र के जनपद से बाहर रहने पर कोई रोक लगाने वाला नही है । सीएमओ साहब से कोई पूंछने वाला नही है कि आप कितने समाधान दिवसों में एक माह में उपस्थित रहते है ? कोई यह भी पूंछने वाला नही है कि स्वास्थ्य मंत्री के उस आदेश के क्रम में जिसमे सीएमओ को कम से कम एक सीएचसी/पीएचसी का स्थलीय निरीक्षण करना था , सीएमओ साहब क्यो नही करते है ? कोई सीएमओ बलिया से यह भी पूंछने वाला नही है कि सीएमओ कार्यालय पर डिप्टी सीएमओ 1,2,3,4 क्यो नही  बैठते है, इनको बैठाने के लिये क्या किये है ? इनसे कोई यह भी पूंछने वाला नही है कि इनके जनपद से बाहर रहने के दिवसों में अधिकतर पटल बाबू नदारत रहते है , इनको दफ्तर में समय से आने और जाने को कठोरता से लागू करने के लिये बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत क्यो नही कर रहे है ?
 जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिये गठित स्वास्थ्य सेवा समिति के जिलाधिकारी अध्यक्ष होते है, लेकिन जब अध्यक्ष भी सीएमओ को जनपद में अधिकतर कार्य दिवसों को प्रवास करने के लिये नही रोक पा रहे है तो दूसरे को कौन कहे ?
सार्वजनिक हो एक माह में माननीय उच्च न्यायालय में सीएमओ के व्यक्तिगत पेशी वाले मुकदमो की तारीख
 माननीय उच्च न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी के नाम पर जनपद से बाहर रहने के सीएमओ बलिया की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिये । यह तभी सम्भव है जब अगले एक माह के अंदर किन किन तारीखों को माननीय हाईकोर्ट में सीएमओ बलिया को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है, को यहां सार्वजनिक किया जाय । जिससे जिसको भी अपना काम कराने के लिये सीएमओ से मिलना हो वो उनसे मिल सके । लेकिन यह सार्वजनिक हो पायेगा यह सम्भव नही है ।

बलिया महिला सीएमएस भी सीएमओ के पद चिन्हों पर
 बलिया का दुर्भाग्य है कि उसको जहां अप्रवासी सीएमओ मिले है तो वही जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ माधुरी सिंह भी अप्रवासी ही है । मैडम का सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार को जनपद का दौरा होता है । इनके खिलाफ भी इस संबंध में कई शिकायतें हुई , मैडम ने साफ लफ्जो में कह भी दिया कि सात के सात दिन बलिया में प्रवास करना उनके लिये सम्भव नही है , फिर भी अगर इनके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नही होती है तो निश्चित ही यह जनपद बलिया का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है ।
   कब बलिया को प्रवासी सीएमओ और महिला सीएमएस मिलेगी , समय के गर्भ में है ।