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बलिया में जाने किस ग्राम विकास अधिकारी को किया गया है निलम्बित, कितने रुपये के गबन का है आरोप ?


बलिया 8 नवम्बर 2019 ।। उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के विकास खण्ड मनियर के घाटमपुर ग्राम सभा के सचिव परमेश्वर यादव को जिला विकास अधिकारी शशिमौली मिश्र ने विभिन्न योजनाओं में गबन का जांच में दोषी पाये जाने पर  निलम्बित कर दिया है । निलम्बित सचिव पर  ग्राम सभा मे मनरेगा ,राज्य वित्त योजना और अन्य योजना में लाखो का गमन का आरोप लगा है । निलम्बित सचिव परमेश्वर यादव को तत्काल प्रभाव से रसड़ा विकास खण्ड से सम्बद्ध किया गया है। इनके प्रकरण में  जांच अधिकारी  खण्ड विकास अधिकारी रसड़ा  को बनाया गया है ।

बता दे कि  30 जुलाई 2018 के द्वारा श्री परमेश्वर यादव को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया। श्री यादव खण्ड विकास अधिकारी मनियर के कार्यालय पत्र सं0518/ स्था०/दिनांक 16.06.2018 के माध्यम से कारण बताओ नोटिस का (बिंदुवार) स्पष्टीकरण प्रस्तुत किये। श्री यादव का स्पष्टीकरण का अवलोकन किया गया। स्पष्टीकरण में संतोषजनक उत्तर नहीं पाया गया तथा जाँच अधिकारी की  जांच आख्या का अवलोकन किया गया । जांच अधिकारी के द्वारा कार्य योजना, एमपी बुक के अवलोकन से उक्त कार्य में अनियमितता पायी गयी।मा० उच्च न्यायालय कंटेंट रिट याचिका संख्या 4647/2019 पंचदेव यादव बनाम जिला मजिस्ट्रेट बलिया व अन्य में दिनांक 25.07.2019 को आदेश निर्गत किया गया। ग्राम पंचायत सचिव घाटमपुर द्वारा वर्ष 2010 -17 में राज्य वित्त की कुल धनराशि मु० 7829600 रुपये की अनियमितता पाये जाने के कारण श्री परमेश्वर यादव, ग्राम विकास अधिकारी, घाटमपुर विकास खण्ड मनियर को एतदद्वारा तत्कालीन प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन अवधि में श्री परमेश्वर यादव सचिव / ग्राम विकास अधिकारी घाटमपुर  को वित्तीय नियम के खण्ड 2.
भाग 2 से 4 के मूल नियम-53 के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह की धनराशि ,अन्य वेतन पर देय अवकार वेतन की
राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भते की धनराशि पर महंगाई  यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा किन्तु ऐसे कर्मचारी को जीवन निर्याह भत्ते के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलंबन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महगाई भत्ता अथवा महगाई भत्ता का उपानितक समायोजन प्राप्त नही था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि मे इस शर्त पर कि जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा इस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है। इसके साथ ही एक निलंबित सरकारी कर्मी को जो सुविधाएं मिलती है , इनको भी सारी मिलेगी ।