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बलिया से बड़ी खबर : मुर्दे भी उठाते है प्रतिमाह राशन की दुकान से चावल व गेहूं ,बलिया डीएसओ की मेहरबानी मुर्दो की कट रही है खूब चांदी

बलिया से बड़ी खबर : मुर्दे भी उठाते है प्रतिमाह राशन की दुकान से चावल व गेहूं ,बलिया डीएसओ की मेहरबानी, मुर्दो की कट रही है खूब चांदी
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट

बलिया 5 नवम्बर 2019 ।। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को जीवन यापन के लिये सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से चावल व गेहूं सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है । सरकार की मंशा से भी आगे की सोच बलिया के डीएसओ और इनके मातहतों की है जिन्होंने जीवितों के साथ साथ मुर्दो के भी जीवन मे भी खानपान की परेशानी न हो इसका प्रबन्ध ही नही किये है , प्रतिमाह इनके घर स्वर्गलोक तक पहुंचा भी रहे है । बता दे कि ऐसे कारनामो को करने में बलिया के अधिकारियों को काफी अनुभव है । कुछ साल पहले बलिया के प्राथमिक शिक्षा विभाग के द्वारा लगभग ढाई सौ  प्राइवेट प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता देकर मंगल ग्रह पर प्राथमिक शिक्षा की अलख जगाने के लिये भेजकर प्रति वर्ष करोड़ो की छात्रवृत्ति दी गयी थी । वही हाल ही में बिना शौचालयों का निर्माण कराये ही बलिया को ओडीएफ घोषित करने का कारनामा यहां के निलम्बित डीपीआरओ साहब कर चुके है । वही वर्तमान डीएसओ साहब पर भी एक राशन की दुकान से प्रतिमाह 55 कुंतल गलत तरीके से अधिक खाद्यान्न निकालने के कारण न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज है , फिर भी साहब अपने खिलाफ जांच को अपने मार्गदर्शन में ही कराने के लिये पद पर जमे हुए है । अब। यह इनके कार्यकाल का दूसरा खुलासा है । यह तो मात्र बानगी भर है , अगर ठीक से जांच हो गयी तो ऐसी एक भी दुकान नही मिलेगी जहां मुर्दो को राशन नही दिया जा रहा है ।
नीचे उदाहरण के लिये दो मुर्दो का मृत्यु प्रमाण पत्र और कोटेदार द्वारा दिये जा रहे राशन के कागजात है । जरा गौर से देखिये ---




  यह मामला ग्राम सभा पटखौली विकासखंड दुबहड़ जनपद बलिया से संबंधित है। यहां पर कमला और रामनारायण दोनों वर्ष 2015 में स्वर्ग सिधार गये है परन्तु विभागीय अधिकारियों और कोटेदार की देखरेख में वर्ष 2015 से आज तक राशन उठा रहे हैं ।दोनों व्यक्ति के नाम से एक एक अंत्योदय कार्ड है और उस कार्ड में परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है शिवाय इनके। यानी यह दोनों मृतक खुद ही अपना राशन हर महीने उठाते हैं - 35 किलो कमला और 35 किलो रामनारायण यानी 70 किलो अनाज प्रति महीने मुर्दों को दे दिया जाता है, मुर्दे स्वर्ग से आते हैं और राशन लेकर चले जाते हैं। शासन स्तर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए बहुत ही प्रयास किया जा रहा है, बहुत सारे लोगों को वेरिफिकेशन के लिए लगाया गया है, जांच पड़ताल के लिए लगाया गया है, पता नहीं कौन सी जांच होती है कि हर महीने मुर्दे को राशन वितरण किया जाता है और उसका सत्यापन उसके अधिकारियों द्वारा कर दिया जाता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि हर महीने जितना राशन आवंटित होता है उतना बांट दिया जाता है, कभी बचता नहीं है मुर्दे भी ले जाते हैं, यही नही कुछ तो ऐसे है जो नोएडा रहते हैं लेकिन वो लोग भी आकर अपना राशन  ले जाते हैं, जो दिल्ली रहते हैं वह भी राशन अपना लेकर चले जाते हैं। अब योगी जी लाख प्रयास करे कि भ्रष्टाचार रुक जाए , कैसे रुकेगा , जब मुर्दे भी सरकारी अनाज खाकर मस्त है ।