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लखनऊ : बोले राज बब्बर पूरी तरह निराशाजनक है आम बजट : बेरोजगारों को कैसे मिलेगी नौकरी रोजगार , कार्य योजना नही , किसानों को नही बताया कैसे होगी जीरो लागत वाली खेती उल्टे खाद बीज कीटनाशक कृषि उपकरणों और डीजल के बढ़ा दिये दाम

लखनऊ : बोले राज बब्बर पूरी तरह निराशाजनक है आम बजट : बेरोजगारों को कैसे मिलेगी नौकरी रोजगार , कार्य योजना नही , किसानों को नही बताया कैसे होगी जीरो लागत वाली खेती उल्टे खाद बीज कीटनाशक कृषि उपकरणों और डीजल के बढ़ा दिये दाम
ए कुमार

लखनऊ 5 जुलाई 2019 ।।

उ०प्र०कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजजबब्बर ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।
लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत पहले बजट में सपने तो बड़े-बड़े दिखाये गये परन्तु उसे हकीकत में बदलने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है । बजट पूरी तरह निराशाजनक एवं लक्ष्यविहीन है।

 देश का सबसे बड़ा वर्ग युवा, जिसे रोजगार की दरकार है रोजगार कैसे मिलेगा इसके लिए बजट में सरकार ने न तो सरकारी क्षेत्र में और न ही गैर सरकारी संगठित अथवा असंगठित क्षेत्र में कोई कार्ययेाजना प्रस्तुत की
इसके विपरीत विदेश में रोजगार पाने की ट्रेनिंग देने की बात की गयी है ।
दूसरा सबसे बड़ा वर्ग किसान है, जिसके बारे में शून्य लागत पर खेती के लक्ष्य की बात की गयी ,जीरो लागत के लिए कोई कदम नहीं उठाये गये ।
उल्टे बजट प्राविधान उर्वरक, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, डीजल आदि के दामों में कमी के बजाय वृद्धि की ओर इशारा  है ।


मध्यम वर्ग, जिसमें छोटे और मझोले करदाता, कर्मचारी, जो टैक्स में छूट की अपेक्षा कर रहे थे उन्हें भी सिर्फ निराशा ही हाथ लगी ।

दो लाख से पांच लाख के बीच के करदाताओं को तीन प्रतिशत और पांच लाख से ऊपर सात प्रतिशत कर का भार लाद दिया गया ।
सरकार ने नई शिक्षा नीति की बात तो कि लेकिन समुचित बजट का निर्धारण नहीं किया ।

भारत सरकार के सबसे बड़े उपक्रम रेलवे, जिसका पिछली सरकारों में अलग से बजट होता था सरकार ने इसकी प्राथमिकता को समाप्त कर दिया ।
 निजीकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए पीपीपी माॅडल से रेलवे को विकसित करने की बात की ।दुष्परिणाम यह है कि आम जनता का रेलवे में सफर करना मुश्किल हो जायेगा ।

सरकार ने एक करेाड़ 95 लाख आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन इसके लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की है ।


बीमा सेक्टर में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश की बात की है इससे यह प्रतीत होता है कि एलआईसी आदि भारतीय कम्पनियां का भविष्य अंधकार में ढकेल दिया ।


सरकार जिस प्रकार से मेक इन इण्डिया की बात कर रही है उससे यह साफ होता है कि  मेड इन इण्डिया समाप्ति की कगार पर--राज बब्बर