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23 मार्च 2019 शहीद दिवस : देश के लिये कुर्बान होने वाले अमर शहीदों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शतशत नमन


 23 मार्च 2019 शहीद दिवस : देश के लिये कुर्बान होने वाले अमर शहीदों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शतशत नमन

मधुसूदन सिंह 


बलिया 23 मार्च 2019 ।।


भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि देने और इनके बलिदानों को याद करने के लिये भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। आजादी के लिये ब्रिटिश शासन से भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर ने लोहा लिया था।
सिक्ख परिवार में पंजाब के लायलपुर में 28 सितंबर 1907 को जन्में भगत सिंह भारतीय इतिहास के महान स्वतंत्रता सेनानियों में जाने जाते थे। इनके पिता गदर पार्टी के नाम से प्रसिद्ध एक संगठन के सदस्य थे जो भारत की आजादी के लिये काम करती थी। भगत सिंह ने अपने साथियों राजगुरु, आजाद, सुखदेव, और जय गोपाल के साथ मिलकर लाला लाजपत राय पर लाठी चार्ज के खिलाफ लड़ाई की थी। शहीद भगत सिंह का साहसिक कार्य आज के युवाओं के लिये एक प्रेरणास्रोत का कार्य कर रहा है।
 वर्ष 1929 में, 8 अप्रैल को अपने साथियों के साथ केन्द्रीय विधायी सभा में “इंकलाब जिंदाबाद” के नारे लगाते हुए बम फेंक दिया था। उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ और 23 मार्च 1931 को लाहौर के जेल में शाम 7:33 बजे फाँसी पर लटका दिया गया था। उनके शरीर का दाह-संस्कार सतलुज नदी के किनारे हुआ था। वर्तमान में हुसैनवाला (भारत-पाक सीमा) में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर, एक बहुत बड़े शहीदी मेले का आयोजन उनके जन्म स्थान फिरोज़पुर में किया जाता है।

शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है

इस दिन, भारत के राषट्रपति सहित उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और सेवा प्रमुखों के साथ राजघाट पर बापू की समाधि पर फूलों की माला चढ़ाते हैं। शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा इसके बाद एक सम्मानीय सलामी दी जाती है।
इसके बाद, वहाँ एकत्रित लोग राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और देश के दूसरे शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखते हैं। उसी जगह पर उनको प्यार करने वालों के द्वारा धार्मिक प्रार्थना और भजन गाया जाता है।
इस दिन कोलकाता के स्कूलों से बच्चे बापू का रुप बनाकर कार्यक्रम में भूमिका निभाते हैं। शहीद दिवस मनाने के दौरान स्कूली विद्यार्थियों द्वारा बापू के जीवन से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम किये जाते हैं।
हालाँकि भारत में राष्ट्र के दूसरे शहीदों को सम्मान देने के लिये एक से ज्यादा शहीद दिवस (राष्ट्रीय स्तर पर इसे सर्वोदय दिवस भी कहा जाता है) मनाने की घोषणा की गयी है। भारत मां के इन वीर सपूतों की शहादत को बलिया एक्सप्रेस परिवार नमन वन्दन करता है ।
जय हिंद