बलिया : विमुक्त क्षेत्र भृगु क्षेत्र जहां कार्तिक में स्नान करना काशी और प्रयागराज हरिद्वार ,पुष्कर से भी है ज्यादे पुण्यदायी
विमुक्त क्षेत्र भृगु क्षेत्र जहां कार्तिक में स्नान करना काशी और प्रयागराज हरिद्वार ,पुष्कर से भी है ज्यादे पुण्यदायी
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 23 नवम्बर 2018 (कार्तिक पूर्णिमा) ।।
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बलिया में गंगा में स्नान करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. जिले के दूरदराज के इलाकों से और अन्य जनपदों प्रदेशो से लाखों की संख्या में लोगों ने रात से ही श्रीरामपुर घाट पर पहुंचना शुरू कर दिया. जैसे ही कार्तिक पूर्णिमा का नक्षत्र शुरू हुआ लोगों ने एक साथ पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगानी शुरू कर दी।भोर में जहां शाम से ही गंगा तट पर वास किये श्रद्धालुओ की जहां वापसी शुरू हो जाती है वही शहर के रास्ते लाखो का हुजूम गंगा तट की ओर बढ़ता है ।इस दौरान दिखता है सिर्फ आस्था का जन सैलाब । वही जगह जगह तरह-तरह के कार्यक्रम होते है जिस में लोगों का देखने और सुनने के लिये ताता लगा रहता है ।
बलिया में कार्तिक पूर्णिमा का अलग ही महत्व है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से और दानपुण्य करने से मनुष्य के सारे पाप कट जाते है और उसके परिवार में सुख-समृद्धि की बृद्धि होती है । साथ ही महर्षि भृगु के आश्रम में जाकर उनको जल चढ़ा कर अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिलने की कामना करते है । यह क्षेत्र विमुक्त क्षेत्र कहलाता है जिसमे कार्तिक मास में स्नान करना प्रयाग राज और काशी से भी महत्वपूर्व व पुण्यफल देने वाला कहलाता है ।कार्तिक पूर्णिमा स्नान से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि त्रिदेवो में श्रेष्ठ कौन है कि परीक्षा लेने की जिम्मेदारी महर्षि भृगु को मिली थी । इसी के परिपेक्ष्य में भृगु मुनि द्वारा भगवान विष्णु की छाती पर चरण प्रहार किया गया । चरण प्रहार से उठकर बैठते ही भगवान विष्णु ने मुनि के चरण पकड़ कर कहा कि मुनिवर कही आपको चोट तो नही आयी है क्योंकि मेरे वज्र जैसी छाती पर आपने अपने कमलवत चरण से प्रहार किया है ।भगवान की वात्सल्यता देखकर मुनि को बड़ी आत्मग्लानि हुई और उन्होंने भगवान की स्तुति करके अपने द्वारा किये गये चरण प्रहार के पाप से मुक्ति के उपाय की याचना की गई । तब भगवान विष्णु ने कहा मुनिवर आप पूरे ब्रह्मांड में चक्कर लगाई , जहां आपका यह मृगचर्म गिर जायेगा वह विमुक्त क्षेत्र होगा , वही आपके द्वारा तपस्या करने से आप पाप मुक्त हो जाएंगे । बलिया का यह गंगा और तमसा के संगम वाला क्षेत्र ही है जहां भृगु मुनि ने तपस्या कर पाप मुक्त हुए । यही नही यही पर भृगु मुनि ने ज्योतिष की विख्यात पुस्तक भृगु संहिता की भी रचना की थी । कहा जाता है कि इसी पुस्तक को संत समाज ने बलिया में एक माह के शास्त्रार्थ के बाद सर्वसम्मति से स्वीकार किया था । कहा जाता है कि लगभग 64 हजार ऋषिमुनि यहां एक माह तक रुके थे इसलिये यह क्षेत्र मेला सदृश्य लगने लगा था । महर्षि भृगु के पापमुक्त होने और भृगु संहिता के प्रमाणित होने की खुशी को भृगु मुनि के परम प्रिय शिष्य दर्दर मुनि ने याद करने के लिये प्रत्येक वर्ष ऋषिमुनियों को बुलाकर आयोजन करने लगे जो कालांतर में ददरी मेला के नाम से विश्व विख्यात हुआ । इसीलिए लाखों की तादात में गंगा स्नान करने आए श्रद्धालु स्नान करने के बाद महर्षि भृगु के आश्रम पहुंचते हैं, जहां महर्षि की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है.!
बाईट-1-संजय सिंह(समाजसेवी)
2-प्रिया ( दर्शनार्थी)
3-महिला दर्शनार्थी
कार्तिक पूर्णिमा स्नान में उमड़ी भीड़ के बीच गंगा तट भजन कीर्तन से गूंज उठा है। भाजपा नेता साकेत सिंह सोनू द्वारा जहां भजन गाने वाले गायकों की टोली बुला रखी है वही हरिद्वार से प्रवचन करने वाले विद्वान को भी गंगा तट पर लाकर भगवत वत्सल स्नेही जनों को कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर सत्संग लाभ देकर पुण्य का काम किया है । श्री सोनू ने बताया कि स्नानार्थियों के लिए घाट पर विशेष व्यवस्था की गई है।
बाईट - साकेत सिंह(भाजपा नेता)
कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही ददरी मेले में भी रौनक बढ़ जाती है, जिसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बलिया ही नहीं आस-पास के जिलों से करीब 10 लाख लोग आकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाये । इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने भी तैयारियां कर रखी हैं. गंगा स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसलिए एनडीआरएफ की एक टीम गंगा नदी में लगातार भ्रमण पर लगी है. साथ ही मेले में सादी वर्दी में भी पुलिस के जवान मुस्तैद हैं.।
बाईट-डा0 विश्राम( सिटी मजिस्ट्रेट)