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बलिया रोडवेज बस हादसा : सिकंदरपुर से बलिया तक पुलिस रही परिजनों की भूमिका में , एसडीएम सिकंदरपुर , सीओ , थानाध्यक्ष ने दिखायी तेजी , प्रथम उपचार के बाद घायलों को भेजा बलिया , बलिया में शहर कोतवाल अपने सहयोगियों संग रहे मुस्तैद






सिकंदरपुर से बलिया तक पुलिस रही परिजनों की भूमिका में 
एसडीएम सिकंदरपुर , सीओ , थानाध्यक्ष ने दिखायी तेजी , प्रथम उपचार के बाद घायलों को भेजा बलिया
बलिया में शहर कोतवाल अपने सहयोगियों संग रहे मुस्तैद
नुरुल होदा , संतोष शर्मा की रिपोर्ट
सिकंदरपुर /बलिया 22 नवम्बर 2018 ।। बलिया में सड़क हादसों के लिहाज से हुई अबतक की सबसे बड़ी सड़क दुर्घटना जिसमे 49 लोग गंभीर रूप से घायल हुए है , में अगर अब तक किसी घायल की मौत नही हुई है और न ही किसी के इलाज में लापरवाही हुई है तो इसका सबसे बड़ा श्रेय सिकंदरपुर से लेकर बलिया जिला अस्पताल तक परिजनों की तरह एक एक मरीज का इलाज कराने में तत्पर पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाभाव की देन है । जहां छोटी सी जगह सिकंदरपुर में 49 घायलों को प्रारम्भिक उपचार देना ही जटिल कार्य था को थानाध्यक्ष अनिल चंद तिवारी और चौकी इंचार्ज सत्येंद्र राय की पूरी टीम ने जिस तत्परता और समझदारी के साथ एरिया के प्राइवेट चिकित्सको की सेवा लेकर पूर्ण कराया वह काबिले तारीफ है । वही बलिया अस्पताल पर शहर कोतवाल शशिमौली पांडेय द्वारा अपने चौकी इंचार्जों के साथ घायलों को एम्बुलेंस से उतरवाने और भर्ती कराने तक तेजी और अपनत्व के साथ कार्य किया गया उसकी जितनी भी तारीफ की जाय । साथ पहली बार देखने को मिला कि एक साथ इतने ज्यादे मरीजो के आने के बाद भी कोई हंगामा नही हो पाया और सभी का चिकित्सको द्वारा त्वरित गति से इलाज किया गया । एक मरीज को वाराणसी के लिये रेफर कर दिया गया जबकि 44 मरीजो का बलिया में इलाज चल रहा है । बता दे कि सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के नवानगर ब्लॉक के समीप दोहरीघाट से होतेे हुए बेल्थरारोड- सिकन्दरपुर के रास्ते बलिया जा रही यात्रियों से खचाखच भरी रोडवेज बस स्टेरिंग फेल हो जाने से पेड़ में जाकर टकरा गई। जिससे बस में सवार सभी यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दुर्घटना के बाद मौजूद लोगों ने सभी घायलों को सीएचसी सिकंदरपुर पहुंचाया। जहां डॉक्टरों की टीम ने सभी घायलों का प्राथमिक उपचार किया। घायलों में लगभग सभी लोगों स्थिति गंभीर होने के कारण लगातार एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल को रेफर करते गए। घायलों में ज्यादा संख्या महिलाओं की है जिसमें अधिकतर बलिया कार्तिक पूर्णिमा स्नान में जा रहे थे। घटना के तुरंत बाद पूरा सीएचसी स्थानीय लोगों एवं उनके परिजनों से भर गया। घटना की खबर सुन एसडीएम सिकंदरपुर राजेश कुमार यादव, क्षेत्राधिकारी विजय प्रताप यादव, थाना अध्यक्ष अनिल चंद तिवारी, स्पेक्टर क्राइम ब्रांच समर बहादुर सिंह, चौकी प्रभारी सत्येंद्र राय, दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर घायलों को एंबुलेंस व प्राइवेट साधनों से बलिया के लिए रेफर करते गए। घायलों में राजा राम निवासी भरथांव, थाना सिकंदरपुर, हरिशंकर मऊ, लाल गोपाल राय थाना बैरिया जिला बलिया, सुशीला देवी बहराइच, अंकिता ठाकुर सलेमपुर, सरोज देवी सलेमपुर, मुन्नी देवी बखरियां, राबड़ी देवी लखीमपुर, ग्रहनी देवी बहराइच, लालता चौहान बहराइच, सोनू (7) पुत्र लालता चौहान बहराइच, सरफराज बड़हलगंज, दिलशाद बड़हलगंज, धनु गुप्ता रतसर, सतीश मझौलिया जिला बलिया, चिंकू सिद्धार्थनगर, धर्मेंद्र चड़वां- बरवां थाना सिकंदरपुर,  अकांति देवी दोहरीघाट, अब्दुल सत्तार भिखपुरा मोहल्ला थाना सिकंदरपुर, गुड्डी देवी चौराडीह, सरवन दास  बलवान पुुर, दीप चंद गोखली,  रीना सिंह रामपुर, सरल राजभर मझौलिया, लालमुनी मझौलिया, लक्ष्मी देवी दोहरीघाट, कांति देवी दोहरीघाट आदि हैं। लोग हजारों की संख्या में भीड़ लगाकर घायलों का हालचाल ले रहे हैं तथा उनके द्वारा प्राप्त मोबाइल नंबरों पर उनके घरों पर फोन कर सूचना देते रहे। जबकि अस्पताल परिसर के बाहर के मेडिकल स्टोर के दुकानदार व प्राइवेट चिकित्सक अपना सारा काम छोड़ ड़कर घायलों की मदद करने में लगे रहे। इस भीषण दुर्घटना मे घायलों से पूछताछ करने पर पता चला कि गाड़ी की स्टेरिंग फेल हो गई थी। ड्राइवर चिल्ला रहा था कि सभी लोग उतर जाएं परंतु गाड़ी की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि लोग उतर नहीं सके। इस लिए ड्राइवर ने देखा कि सामने अगर मैं रोड पर गाड़ी चला रहा हूं तो ज्यादा पब्लिक बस के नीचे आ जाएंगे। इसलिए ड्राइवर ने गाड़ी को रोड से उतारना चाहे जिससे गाड़ी एक पेड़ में जा भिड़ी। पेड़ से लड़ने के बाद बस के आगे का 5 फुट भाग बीच से दो टुकड़े हो गया है।


दुर्घटना की सूचना पर तुरंत सीएचसी पहुंचे स्थानीय विधायक

 जैसे ही बस द्वारा दुर्घटना में घायल लोगों के बारे में क्षेत्रीय विधायक संजय यादव ने सुना। वह तुरंत अस्पताल परिसर में पहुंच डॉक्टरों से संपर्क बनाए रखें। जबकि घूम घूम कर घायलों की स्थिति का जानकारी लेते रहे और अपने लोगों से कह कर उनके द्वारा बताए गए संपर्क नंबर पर फोन कर सूचना देते रहे। वहीं अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी अस्पताल परिसर में पहुंचकर तत्परता के साथ घायलों की देखरेख में लगे रहे।