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गोरखपुर : बाँसगांव साँसद पर अभद्र टिप्पणी ,दो युवकों पर दर्ज हुआ SC/ST एक्ट का मुकदमा , तहरीर में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की थी बात , पुलिस ने अपने संज्ञान से जोड़ा हरिजन एक्ट

*गोरखपुर ब्रेकिंग*

बाँसगांव साँसद पर अभद्र टिप्पणी ,दो युवकों पर दर्ज हुआ SC/ST एक्ट का मुकदमा , तहरीर में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की बात  , पुलिस ने अपने संज्ञान से जोड़ा हरिजन एक्ट

-सांसद प्रतिनिधि ने कहा - मेरी तहरीर में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा की बात , एससी एसटी के तहत मुकदमे की नही थी तहरीर 
अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 14 सितम्बर 2018 ।।
               आज सोशल नेटवर्किंग एक ऐसा माध्यम बन गया है जिसके चलते लोग रातों-रात उन्नति/प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंच जा रहे है या छोटी सी चूक से अवनति के रसातल पर पहुंच जा रहे हैं । एक छोटी सी चूक सोशल मीडिया पर ऐसे-ऐसे कारनामे करवा दे रही है जिसको लेकर पछताने के अलावा कोई चारा लोगों के पास नहीं बच रहा है ।
सोशल मीडिया पर सरकारी गाइडलाइन ना होने के कारण कहीं न कहीं लोगों के द्वारा अतिवादी होकर ऐसी बातें लिख दी जा रही है जो कि किसी की भावनाएं आहत करने के लिए पर्याप्त है और इसका परिणाम यह निकल रहा है कि अतिवादी युवक या समाज को मुकदमों की मार झेलनी पड़ रही है ।

ऐसा ही एक मामला बांसगांव संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आया है जहां पर दो युवकों के द्वारा अतिवादी होकर बांसगांव सांसद कमलेश पासवान के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की गई और उनके मान का मर्दन किया गया ।

फेसबुक पर हुई यह टिप्पणी जब तेजी से वायरल हुई तो कमलेश पासवान सांसद बांसगांव के प्रतिनिधि ने आईटी एक्ट के तहत मदनपुर थाने में तहरीर दी  जिस पर पुलिस प्रशासन के द्वारा भी अतिवादी कृत्य करते हुए तहरीर में जिक्र न होते हुए भी दोनों आरोपियों के विरुद्ध अपराध संख्या 170/18 धारा 503, 67 आईटी एक्ट,3(1)(10) एक्ट के साथ एससी एसटी एक्ट की धारा जोड़कर मुकदमा कायम कर दिया गया ।

इस संबंध में भाजपा सांसद प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख सुनील पासवान ने मीडिया को बताया कि लोकतंत्र की खूबसूरती है विपक्ष का होना परंतु विरोध करने के आड़ में व्यक्तिगत किसी पर तंज कसना, अपशब्द कहना अपराध की श्रेणी में आता है ।मदनपुर थाने के अंतर्गत मेरे द्वारा जो तहरीर दी गई है उसमें आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही गई थी जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने की बात तहरीर में कहीं नहीं है ।

एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग इस मामले में नहीं किया गया है और पुलिस के द्वारा अपने संज्ञान के अनुसार यह एक्ट लगाया गया है परंतु किसी भी जनप्रतिनिधि का विरोध स्वभाविक है परंतु अपशब्द कहना लाजमी नहीं है और ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ।