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बलिया में जहरीली शराब पीने से 1की मौत तीन बीमार , बलिया पुलिस के इन्कार को बीजेपी विधायक और परिजनों ने नकारा - कहा जहरीली शराब ही कारण

बलिया के दोकटी थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से हुई 1 की मौत
बिना परिजनों से मिले पुलिस ने भेजी रिपोर्ट , बहुत दिनों से बीमार था मृतक
क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने पुलिस अधीक्षक को ठहराया जिम्मेदार , बताया नाकाबिल एसपी
परिजनों का आरोप प्रधान बिकवाता है शराब
बलिया 5 सितम्बर 2018 ।।
            विगत रविवार को बलिया जनपद के दोकटी थाना के  हृदयपुर गांव में जहरीली शराब पीने से हुई मौत की घटना को पुलिस लीपापोती करने में जुट गयी है । अखबारों में खबर छपने , न्यूज चैनलों पर दिखाये जाने के बाद बलिया पुलिस बचाव और दबाव डालने की मुद्रा में जहां दिख रही है वही भाजपा के क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह बलिया की पुलिस अधीक्षक और इनकी कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए नाकाबिल एसपी तक कह रहे है । घटना के सम्बंध में बताया जा रहा है कि हृदयपुर गांव निवासी बहादुर पासी (52 वर्ष) ,धनुषधारी , शिवजी व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के साथ देशी शराब खरीद कर सुबह पिये थे । दोपहर में तबियत बिगड़ने के बाद किसी तरह घर तक आ कर गिर गये । परिजनों की माने तो इन लोगो ने सोचा कि संभवतः ज्यादे शराब पी लेने से ऐसी हालत है । जब बहुत देर तक कोई हरकत नही हुई तो आनन फानन में सोनबरसा सीएचसी ले गये , जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया । मृतक बहादुर पासी की तीन औलादे है , पत्नी का स्वर्गवास पहले ही हो गया था । परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत से बच्चों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है । वही पुलिस और आबकारी बिभाग द्वारा दिये गये अलग अलग बयान मामले को औऱ संदिग्ध और इन महकमो को कटघरे में खड़ा कर रहा । मृतक की पुत्री और भाई के अनुसार बहादुर पासी को कोई बीमारी नही थी , वह मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे थे और घटना के दो दिन बाद तक जब पुलिस पीड़ित के घर आयी ही नही तो कैसे रिपोर्ट भेज दी कि बहादुर पासी बहुत दिनों से बीमार था और इलाज चल रहा था । जबकि गांव के लोग चीख चीख कर कह रहे है कि बगीचे में , बगल में ग्राम प्रधान अवैध दारू बिकवाता है तो पुलिस क्यो नही कार्यवाई करती है । बलिया पुलिस द्वारा एक न्यूज चैनल को भेजे गये ट्यूट ने बलिया पुलिस की कागजो पर की जाने वाली कार्यवाई वाले चेहरे को जगजाहिर कर दिया है ।


बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा - इस एसपी के रहते नही बन्द हो सकता है अवैध शराब का बनना और बिकना
   बैरिया से भाजपा विधायक सुरेेंद्र
सिंह ने जनपद में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के लिये सीधे सीधे पुलिस अधीक्षक बलिया को जिम्मेदार ठहराते हुए इसको रोकने में इनको अक्षम बताते हुए इनके रहते भगवान को जनपद की सुरक्षा का एकमात्र आधार बताते है । श्री सिंह ने कहा कि हमारे बैरियाविधान सभा मे दर्जनों जगह अवैध शराब बनती है और इसका बाजार लगता है , इसकी शिकायत मैने पुलिस अधीक्षक से लगायत डीजीपी और प्रमुख सचिव तक से की है और रोकने की मांग की है लेकिन कोई सुनवाई नही हुई । श्री सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि इस महिला पुलिस अधीक्षक के रहते न जाने कितनी बहनो का सुहाग जहरीली शराब पीने से उजड़ जाएगा , कहा नही जा सकता है । इनके रहते जनपद के भगवान ही रक्षक है पुलिस नही । मै अपने विधान सभा क्षेत्र से अवैध शराब के निर्माण और बिक्री को बंद कराने की मुहिम को जनजागरण के माध्यम से जारी रखूंगा ।

आबकारी विभाग को शराब पीने से मौत का नही मिला साक्ष्य
  सरकारी विभाग 
विभाग किस तरह आफिस में बैठे बैठे ही जांच करके अपनी रिपोर्ट देता है उसका जीता जागता उदाहरण बलिया के आबकारी विभाग की रिपोर्ट है । एक तरह जहां पुलिस विभाग अपनी रिपोर्ट में देशी शराब पीने और तबियत पहले से खराब होने को मौत का कारण बता रही है , वही बलिया के आबकारी विभाग को ऐसी किसी भी घटित घटना का साक्ष्य ही नही मिला है । जिला आबकारी अधिकारी अनुपम राजन की माने तो घटना की सूचना मिलने पर इन्होंने क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक आदित्य शुक्ल को जांच करने के लिये भेजा था । लेकिन जांच में आदित्य शुक्ल को ऐसी न तो किसी घटना के साक्ष्य मिले , न ही अस्पताल में मरीज । अब श्री शुक्ल को कौन बताये कि मृतक अस्पताल में नही श्मशान पहुंचकर पंचतत्व में विलीन हो गया है और आप उसको अस्पताल में ढूंढ रहे है । उसके सम्बन्ध में जानकारी उसके परिजनों से मिल सकती है , जहां आप गये ही नही ।
वही सूत्रों की माने तो एलआईयू की रिपोर्ट में शराब पीकर मरने की बात तो सामने आ रही है लेकिन यह भी प्रश्न चिन्ह खड़ा किया गया है कि अगर मौत जहरीली शराब के सेवन से हुई थी तो शव का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में क्यो करा दिया गया ,पोस्टमार्टम क्यो नही कराया गया ?
   इस घटना से साफ हो गया है कि सीएम योगी की सरकार को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश में पुलिस भी कही न कही शामिल दिख रही है । अगर ऐसा नही होता तो सत्ता पक्ष के विधायक की शिकायत पर कार्यवाई हुई होती ।