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बलिया में स्व अटल जी के श्राद्धकर्म पर आयोजित हुआ बाल भोज , तो गोरखपुर में हुआ ब्रह्मभोज

अटल जी के श्राद्ध कर्म पर बालभोज कर दी श्रद्धांजलि
डॉ सुनील ओझा बलिया / अमित कुमार गोरखपुर की रिपोर्ट





हल्दी (बलिया) / गोरखपुर 29 अगस्त 2018 ।। पूर्व 
प्रधान मंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के श्राद्धकर्म के दिन मंगलवार को जहां गोरखपुर में ब्रह्मभोज का आयोजन कर लोगो को भोजन कराया गया , वही बलिया के हल्दी क्षेत्र के बाबूबेल स्थित एक विद्यालय में बाल भोज का आयोजन कर हजारो बच्चों बच्चियों को भोजन कराया गया और स्व अटल जी को श्रद्धाजंली अर्पित की गयी । बता दे कि मंगलवार को गोरखपुर में
विश्वरूप सेवा संस्थान द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का इंदिरा आवास बिहार तिराहे पर ब्रह्मभोज मनाया गया  जिसमें महापौर सीताराम जायसवाल व पूर्व महापौर श्रीमती सत्या पांडे ब्रह्मभोज में आकर भोजन करने वालों को अपने हाथों से भोजन कराया । वही बलिया जनपद के हल्दी क्षेत्र के विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर बघऊँच बाबूबेल के प्रांगण में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के श्राद्धकर्म के दिन श्रधांजलि सभा एवं बालभोज का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रबंधक योगेंद्र नाथ ओझा ने बताया कि इस विद्यालय का शिलान्यास सन् 1986 में अटल विहारी बाजपेयी जी ने किया था।तब से विद्यालय परिवार उनको अपने परिवार के सदस्य के रुप में मानता है।श्रधांजलि सभा का शुभारंभ दया शंकर मिश्र व जिला पंचायत सदस्य अयोध्या प्रसाद समेत अन्य लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया।
मुख्य वक्ताओं में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुनील कुमार ओझा ने  बताया कि 1986 में जिस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस विद्यामंदिर का शिलान्यास किया।उस समय मैं पहले बैच के कक्षा शिशु का विद्यार्थी था।यह विद्यालय उन्ही के कर कमलों व शुभ आशीर्वाद से निरंतर गतिमान है।आज भी अटल जी का शरीर हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके शब्द व विचार कही न कही इस विद्यालय में है।उन्हीं के प्रेरणा से यह विशाल कार्यक्रम सम्पन्न हो सका।साथ ही घोषणा किया कि प्रतिवर्ष उनका पुण्यतिथि मनाया जाएगा और कार्यक्रम करके उनके व्यक्तित्व के बारे में बच्चों को बताया जायेगा।उनके विचारों पर चलना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस मौके पर बच्चों को बताया कि अटल का मतलब दृढ़ इच्छाशक्ति वाला है,आप भी अपने कार्यों के प्रति अटल बनिए।सब लोग बड़े होकर राष्ट्र के बारे में जरुर चितंन करें।
अयोध्या प्रसाद ने कहा कि व्यक्ति रहे ना रहे लेकिन व्यक्तित्व हमेशा जिन्दा रहता है।कारगिल युद्ध के समय अटल जी सैनिकों में उत्साह भर दिया था।बच्चों को भी कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।कार्यक्रम के बाद सभी बच्चों व उपस्थित लोगों ने लिचूई का भोजन किया।
श्रधांजलि सभा में परमात्मा चौबे,विजय, मिश्रा,आचार्य सुनील द्विवेदी,अखिलेश ओझा,अरविंद तिवरी, रविन्द्र तिवारी,बरमेश्वर पांडेय,श्रीकांत वर्मा,नर्वदेश्वर वर्मा,तुलसी यादव,अंजनी मिश्रा,रंजन सिंह,संजय सिंह,चंद्र शेखर,अंशु ओझा,शंकर सिंह,पप्पू तिवारी,शिवजी सिंह,भरत प्रसाद,कन्हैया तिवारी,अजय पांडेय,प्रभुनाथ यादव, मुन्ना जी,श्याम नारायण जी,एवं बरमेश्वर राय आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया।संचालन सहदेव मिश्रा ने किया।विद्यालय के प्रबंधक योगेन्द्र नाथ ओझा ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।