शिवपाल सिंह यादव का बयान : जब बुलाया गया मै गया , नही बुलाया तो नही गया ...मेरी उपेक्षा हुई
अमित कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ 29 अगस्त 2018 ।।
शिवपाल सिंह यादव का बयान
मुझे जब-जब बुलाया गया मैं गया, दावत में टेलीफोन किया उस पर तक पहुंच गया-
जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा-
अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाया है, उन्हें पद देना शुरू किया है-
अमर सिंह ने बात की थी, टेलीफोन आया था वो मेरी बात कराना चाहते थे-
एक दिन पहले मैंने मना कर दिया था। (अमर सिंह के ये कहने पर कि उन्होंने शिवपाल की बीजेपी नेता से मीटिंग फिक्स कराई थी)
मेरे मन में था कि पूरा परिवार एक रहे, ये कब तक चलेगा ये तो समय बताएगा, ये आगे पता चलेगा कि किसके साथ जाना है-
मैं राजभर से मिला, जितने उपेक्षित और छोटे दल हैं, जिनको कोई काम नहीं मिल रहा उन्हें मैं एक कर रहा हूँ-
समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के ज़रिए उन्हें काम दे रहा हूं-
जो खून पसीने से पार्टी बनी, इसमें बड़े बड़े नेता रहे-
सबने संघर्ष किया हम चाहते थे कि वो पार्टी मजबूत हो, लेकिन जब पार्टी में उपेक्षा हो रही है तो उनके लिए कोई काम हो वो मैं कर रहा हूं-
बड़ों का सम्मान करना चाहिए, उनसे सीखना चाहिए, उनकी उपेक्षा होगी तो कमज़ोरी आएगी-
19 तारीख को अखिलेश की साइकिल रैली की जानकारी नहीं-
पार्टी ने मुझे कोई सूचना नहीं दी जाती-
पार्टी बैठक का कोई निमंत्रण नहीं दिया जाता ।
लखनऊ 29 अगस्त 2018 ।।
शिवपाल सिंह यादव का बयान
मुझे जब-जब बुलाया गया मैं गया, दावत में टेलीफोन किया उस पर तक पहुंच गया-
जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा-
अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाया है, उन्हें पद देना शुरू किया है-
अमर सिंह ने बात की थी, टेलीफोन आया था वो मेरी बात कराना चाहते थे-
एक दिन पहले मैंने मना कर दिया था। (अमर सिंह के ये कहने पर कि उन्होंने शिवपाल की बीजेपी नेता से मीटिंग फिक्स कराई थी)
मेरे मन में था कि पूरा परिवार एक रहे, ये कब तक चलेगा ये तो समय बताएगा, ये आगे पता चलेगा कि किसके साथ जाना है-
मैं राजभर से मिला, जितने उपेक्षित और छोटे दल हैं, जिनको कोई काम नहीं मिल रहा उन्हें मैं एक कर रहा हूँ-
समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के ज़रिए उन्हें काम दे रहा हूं-
जो खून पसीने से पार्टी बनी, इसमें बड़े बड़े नेता रहे-
सबने संघर्ष किया हम चाहते थे कि वो पार्टी मजबूत हो, लेकिन जब पार्टी में उपेक्षा हो रही है तो उनके लिए कोई काम हो वो मैं कर रहा हूं-
बड़ों का सम्मान करना चाहिए, उनसे सीखना चाहिए, उनकी उपेक्षा होगी तो कमज़ोरी आएगी-
19 तारीख को अखिलेश की साइकिल रैली की जानकारी नहीं-
पार्टी ने मुझे कोई सूचना नहीं दी जाती-
पार्टी बैठक का कोई निमंत्रण नहीं दिया जाता ।