Breaking News

सुनील कुमार यादव हत्याकांड: हत्यारे बेचू की 12 मई को ही कविता से हुई है शादी

चोरी की कई घटनाओं का है अभियुक्त, डेढ़ वर्ष बाद दो माह पहले छूटा था जेल से

मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट

बलिया (ब्यूरो)। विगत सोमवार को माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मी सुनील कुमार यादव (पुत्र स्व राम कृपाल यादव निवासी ब्रह्माईन डेरा थाना सुखपुरा बलिया) की समूह से पैसा कलेक्ट कर नगरा से बलिया आते समय गोली मारकर पैसा लूटने वाले एक हत्यारे को जहां पुलिस ने घेराबंदी करके पकड़ लिया वही दूसरे को ग्रामीणों द्वारा पकड़ कर पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया । स्व सुनील यादव अपने परिवार में दूसरा कमाने वाला सदस्य थे । सुनील की दो साल पहले ही शादी हुई थी औऱ लगभग एक वर्ष की एक बच्ची है । पत्नी औऱ घर वालो का घटना के बाद से रो रो के बुरा हाल है । घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि सुनील अपने सहकर्मी के साथ समूह में लोन का वितरण और कलेक्शन करके बलिया मोटर साइकिल से आ रहे थे कि बलेसरा चट्टी के पास बाइक सवार बेचू राम और जितेंद्र राम ने नजदीक से सटाकर सुनील को गोली मारकर रुपये से भरा बैग लेकर भागने लगे । तभी वहां उपस्थित जनता ने शोर मचाते हुए दौड़ा लिया और किसी ने गड़वार थाने को फोन कर दिया  । आगे से पुलिस ने घेराबंदी कर दी पीछे से जनता ने पीछा करना नही छोड़ा । नतीजा जब एक अपराधी उतर कर भागने लगा तो उसको जनता ने तथा दूसरे को पुलिस ने दबोचकर लूट का रुपया 98380 और हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद कर लिया । मृतक के भाई संतोष यादव की तहरीर पर दोनों के खिलाफ गड़वार थाने पर अपराध संख्या 106/18  394, 302 ,411 का दर्ज कर पूंछताछ की जा रही है ।

बेचू का आपराधिक इतिहास चोरी का है

इस लूट और हत्याकांड का सरगना बेचू पुत्र स्व ढोंढा राम मूल निवासी बांसडीह हालमुकाम बिगही थाना बांसडीह रोड बलिया का इस घटना से पहले का इतिहास चोरी का रहा है । लगभग एक दर्जन चोरी नकब मारी का अभियुक्त बेचू राम अभी दो माह पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया था और पिछले 12 मई को कविता नामक लड़की से शादी करके अपनी ससुराल बिगही में ही रह रहा था । सूत्रों की माने तो इसका सुरेमनपुर निवासी एक साढू भी चोरी की घटनाओं में लिप्त रहता है ।

गिरफ्तारी न होने पर आज जिले हो जाता बवाल

सोमवार को हत्याकांड के तुरंत बाद हत्यारो की गिरफ्तारी पुलिस के लिये राहत देने वाली घटना साबित हुई । मृतक सुनील यादव के शव के जिला अस्पताल पहुंचने के बाद जिस तरह से सपा के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा हुआ वह एक आंदोलन के रूप में बदल गया होता । क्योंकि अभी दो दिन पहले ही सपा नेता मनोज सिंह की हत्या हुई थी जिसके अभियुक्तों तक पुलिस नही पहुंच पायी है ।