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बलिया मे बिजली विभाग मे उपभोक्ताओं का शोषण चरम पर, बिना सुविधा शुल्क लिये नहीं बनता है एक भी फाल्ट, ट्रांसफर लें जाने के लिये भी देनी पड़ती है दक्षिणा

 


मधुसूदन सिंह 

बलिया।। एक तरफ योगी सरकार का फरमान है कि ट्रांसफार्मर जलने के 24 घंटे के अंदर नया ट्रांसफार्मर लग जायेगा, तो वही दूसरी तरफ बलिया के बिजली विभाग की यह हालत है कि यहां बिना दक्षिणा के एक छोटा सा फाल्ट भी नहीं बनता है। हालत यह है कि अगर आपका ट्रांसफार्मर जल गया तो आपको ही लोडर मशीन व ट्रैक्टर ट्राली लेकर आनी है और स्वयं ट्रांसफार्मर कों लें जाना भी।

बता दे कि सिविल लाइन क्षेत्र के आनंद नगर मुहल्ले मे पिछले मई माह से लोग चैन से सो भी नहीं पा रहे है। इस मुहल्ले मे कभी 50 वोल्ट, कभी 100 वोल्ट, कभी 250 वोल्ट की सप्लाई आ रही है, जिससे लोगों कों सोना तो छोड़िये पानी भरना भी मुहाल हो गया है। सोमवार कों ट्रांसफार्मर भी लगभग 11 बजे जल गया। इसको बदलवाने के लिये मुहल्लेवासी अवर अभियंता, सहायक अभियंता कों फोन मिलाते रह गये लेकिन किसी का फोन नहीं लगा। हार कर मुहल्लेवासियों ने अधीक्षण अभियंता कों फोन मिलाया, तब जाकर ट्रांसफार्मर मिल तो गया लेकिन उसको लें जाने की स्वयं व्यवस्था करनी पड़ी। 

पहले प्राइवेट लोडर बुलाया गया, फिर ट्रैक्टर ट्राली तब जाकर ट्रांसफार्मर लाया जा सका। इसमें मुहल्ले वासियों कों 8000 खर्च करने पड़े। ट्रांसफार्मर 1 बजे रात कों ज़ब लग गया तो लोगों ने सोचा कि चलो सुबह से तो बिजली मिलने लगेगी, लेकिन यह मुंगेरी लाल का हसीन सपना साबित हुआ। बहुत प्रयास करने के बाद 11 बजे बिजली आयी तो वही वोल्टेज का पुराना ड्रामा शुरू हो गया। गर्मी से परेशान लोगों ने एक बार फिर अधीक्षण अभियंता के पास गये, तब जाकर दो घंटे बाद बिजली की लुकाछिपी का खेल शुरू हुआ, जो शाम के 6 बजे तक जारी रहा। अब देखना है कि आज की रात भी आनंद नगर वासी चैन की नींद सो पाते है कि नहीं? वही एक सवाल यह भी है कि फाल्ट बनाने व ट्रांसफार्मर लें जाने के लिये जो सुविधा शुल्क लग रही है, उस पर अंकुश लगता है कि नहीं, यक्ष प्रश्न है।