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सांड का इलाज शुरू कराने के लिये जिलाधिकारी को बलिया एक्सप्रेस की तरफ से धन्यवाद, होलिका दहन के संभावित विवाद का भी कराया समाधान



मधुसूदन सिंह 

बलिया ।। पहली प्रेस वार्ता के दौरान जिलाधिकारी का मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिया गया आदेश घायल सांड के लिये वरदान बन गया। जो मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पिछले दिसंबर माह से इलाज करने से बच रहे थे, वे आज न सिर्फ इलाज करते हुए अपना फोटो जिलाधिकारी के नंबर पर भेजे बल्कि घायल सांड को बछईपुर गो आश्रय केंद्र भेजवाने का भी काम किये है। बलिया एक्सप्रेस नवागत जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार को बेज़ुबान के दर्द को बेदर्द चिकित्सको को बखूबी समझाने के लिये धन्यवाद ज्ञापित कर रहा है।

बता दे कि पत्रकारों के साथ परिचय के दौरान जिलाधिकारी को ज्ञात हुआ कि एक घायल सांड रिजर्व पुलिस लाइन  क्षेत्र में घूम रहा है जो काफी दिनों से बीमार है। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी  डॉ0 ओम प्रकाश को तुरंत निर्देश दिया कि मौके पर जाकर उसका उपचार कराएं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने मौके पर जाकर उस सांड का उपचार किया और उसे बछईपुर स्थित बृहद गो-आश्रय स्थल में स्थानांतरित करवाया।



वही दिनांक 01.03.2023 को राजदुलारी देवी पत्नी अर्जुन राय आदि निवासीगण कोटवा नरायनपुर थाना नरहीं, तहसील व जिला बलिया द्वारा जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया गया कि गांव के कुछ अवांछनीय तत्वों द्वारा उनके दरवाजे के सामने होलिका दहन करने का प्रयास किया जा रहा है।

 उक्त प्रकरण की जांच उपजिलाधिकारी सदर व क्षेत्राधिकारी सदर से करायी गयी। जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि विवादित स्थल आवेदिका के निवास स्थान से अलग है, जो ग्राम सरायकोटा की आराजी सं० 309 में है। उक्त आराजी में ही होलिका दहन के स्थान के रूप में 0.061 हे0 भूमि दर्ज है, किन्तु स्थल चिन्हित नहीं है और न ही इसके पूर्व उक्त स्थल पर होलिका दहन हुआ है।







आवेदिका व ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि पूर्व में मौजा सरायकोटा के गाटा सं0 309 में ही सड़क के किनारे होलिका दहन हुआ करता था, किन्तु इस बार नई जगह पर होलिका दहन किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उभयपक्ष तथा अन्य उपस्थित ग्रामवासियों की सहमति से यह निश्चित किया गया कि इस बार भी होलिका दहन पूर्व की भांति सड़क के किनारे वाले स्थान पर ही किया जायेगा। इस प्रकार उक्त विवाद का निस्तारण तत्काल मौके पर ही अधिकारीगण की सक्रियता से आवेदिका व ग्रामवासियों की आम सहमति से किया गया।