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29 को ही आवासीय पट्टा देने से कटान पीड़ितों में आक्रोश,महिलाओ ने डीएम सांसद का रोका रास्ता,किया प्रदर्शन

 


बैरिया बलिया ।।  दुबे छपरा में एनएच 31 सड़क के किनारे बंधे पर शरण लिए उदई छपरा गांव के कटान पीड़ित 29 लोंगो को गुरुवार को  सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त व जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने  बैरिया तहसील के सभागार में आवासीय पट्टा के कागजात दिये। प्रशासन ने बंधे पर रह रहे 84 लोंगो की सूची बनाया हैं जिसमें 29 लोंगो को आवासीय पट्टा का कागजात दिया गया। हालांकि उदई छपरा गांव के कटान पीड़ितों का कहना हैं कि कटान पीड़ित परिवारों की संख्या लगभग 150 से भी अधिक है जिनमें से केवल 29 लोंगो को ही आवासीय पट्टा दिया गया हैं। इस मौके पर सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि सरकार उन सभी लोंगो को आवासीय पट्टा व आवास उपलब्ध करायेगी जिनके घर कटान में समाहित हो गए है। जो भी कटान पीड़ित पट्टे से बंचित रह गए है उन्हें भी आवासीय पट्टा दिया जायेगा। इस मौके पर जिलाधिकारी के समक्ष तहसील से फाइलों के गायब होने तथा उच्च जातियों के आरक्षण प्रमाण पत्र तथा गोंड जाति के प्रमाण पत्र बनाने में अधिकारियों द्वारा अवरोध खड़ा करने का मामला उठा। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पात्र लोंगो का प्रणाम पत्र जारी किया जायेगा। फाइलों के गायब  होने के मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी। 

सांसद व डीएम ने किया भागड़ नाले के निर्माण कार्य का निरीक्षण




बैरिया।  जिलाधिकारी बलिया सौम्या अग्रवाल ने सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त के साथ द्वाबा के ऐतिहासिक धरोहर भागड़ नाले पर चल रहे सुन्दरी करण व पाथवे के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने इस कार्य को सराहनीय बताया कहा कि वे इसको लेकर जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने जिलाधिकारी को बताया कि भागड़ नाले की गहराई बढ़ाने व शिल्ट को हटाने से इस क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेतों से जल जमाव की समस्या समाप्त हो जाएगी । भागड़ नाले के सुंदरीकरण व पाथवे के बन जाने से यह शानदार पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा तथा यहां सैकड़ों लोंगो को रोजगार मिलेगा।




250 साल पुरानी समाधि पर टेका माथा

बैरिया। भागड़ नाले का निरीक्षण करने पहुंची जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने क्षेत्र के परमपूज्य सन्त श्री स्वामी महाराज बाबा की समाधि पर माथा टेका। इस स्थान के बारे मे मठिया के सेवक सतीश दास ने बताया कि यह जिले का इकलौता जिंदा समाधि हैं। स्वामी जी ने लगभग 250 वर्ष पहले यहां जिंदा समाधि लिया था। यहां चढ़कर कोई झूठ नहीं बोल सकता। यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पुरि होती हैं।





जिलाधिकारी का महिलाओं ने रोका रास्ता,हटाने में पुलिस को छूटा पसीना







बैरिया।  जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल का बैरिया दौरा काफी हंगामेदार रहा। जब वे तहसील से वापस लौट रही थी तभी सैकड़ों महिलाओं ने उनका घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया।  महिलाएं इतनी बेकाबू थी कि उन्हें रास्ते से हटाने में पुलिस के पसीने छूट गये। इस दौरान  महिलाओं का पुलिस से झड़प भी हुआ जिसमें महिलाओं  ने पुलिस का डंडा छीन लिया। दरअसल कटान पीड़ितों का जब पट्टा का कागज तहसील के सभागार में वितरित हो रहा था  तभी उदई छपरा की सैकड़ों की संख्या में महिलाएं तहसील के नीचे बरामदे में बैठ जिलाधिकारी का इंतजार कर रही थी।  महिलाएं जिलाधिकारी से मिल कर अपनी बात उनके समक्ष रखना चाहती थी। इसका कहना था कि हम कटान पीड़ित लोंगो की संख्या सैकड़ों हैं जिनके घर गंगा में समाहित हो चुका हैं। तहसील प्रशासन 84 लोंगो की सूची बनाया हैं जिसमें केवल 29 लोंगो को पट्टा का कागज दे रही हैं,हमारा क्या होगा। इनकी शिकायत यह भी थी कि जिन 29  लोंगो को पट्टा अचलगढ़ मौजा में  दिया गया हैं वहां अब और जमीन नहीं हैं। ऐसे में शेष लोंगो को कही और पट्टा दिया जाएगा। ऐसे में एक परिवार के लोग अलग अलग हो जायेंगे। हम एक साथ रहना चाहते है। जिलाधिकारी पर महिलाओं का गुस्सा तब फुट गया जब वे तहसील से बगैर कटान पीड़ितों से मिले अपनी गाड़ी में बैठने के लिये आगे बढ़ गई। हालांकि महिलाओं को सांसद व जिलाधिकारी ने समझाने का भरपूर प्रयास किया पर वे अपना आपा खो चुकी थी।

सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का भी महिलाओं ने रोका रास्ता



जिलाधिकारी के जाने के बाद सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त की गाड़ी के सामने भी महिलाएं प्रदर्शन करने लगी जहां पुलिस से महिलाओं की झड़प हो गई। एक महिला पुलिस का डंडा भी महिलाओं की भीड़ ने छीन लिया।  महिलाओं का आरोप था कि चौकी इंचार्ज बैरिया सुनील सिंह ने उक्त डंडे से उन्हें पीटा हैं। महिलाएं एसडीएम बैरिया से चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रही थी।