बलियाटिक का छाया पूरे विश्व मे जलवा,वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन द्वारा दिया गया certificate of commitment
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। पूरे विश्व मे दो ही टिक है, एक है अटलांटिक तो दूसरा है बलियाटिक । इसमें भी अटलांटिक तो स्थिर है और भौगोलिक रूप से इसका निश्चित स्थान है । लेकिन बलियाटिक ऐसा है जो चलायमान होने के कारण विश्व मे ऐसा कोई स्थान नही है जहां ये न हो । बलिया से बाहर ये जहां भी रहे अपनी उपस्थिति को अलग ढंग से दर्ज कराते है । महर्षियों में भृगु मुनि को देख लीजिये,स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में मंगल पांडेय को देख लीजिये,राजनीति में पूर्व पीएम चन्द्रशेखर को देख लीजिये, साहित्य में हजारी प्रसाद द्विवेदी को देख लीजिये,विज्ञान के आविष्कार में डॉ जगदीश शुक्ल को देख लीजिये,दबंगो में स्व सूर्यदेव सिंह को देख लीजिये,ये लोग बलिया का झंडा बलिया से बाहर जाकर बुलंद करने का काम किये है । ऐसे ही बलिया के लाल जो इंदौर में ट्रैफिक पुलिस में मुख्य आरक्षी है,ने पूरे विश्व मे एकबार फिर से बलिया का परचम लहराने का काम किया है ।
बता दे कि हल्दी निवासी कुँवर रंजीत सिंह जो इंदौर मध्य प्रदेश में हेड कांस्टेबल ट्राफिक पुलिस में कार्यरत हैं को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड, लंदन के द्वारा certificate of commitment के द्वारा सम्मानित किया गया है I श्री सिंह को यह पुरस्कार वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान विशेष तरीके से लोगों में सुरक्षा हेतु जागरूकता फैलाने और अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन के लिए मिला है I आपको जानकर खुशी होगी कि अपनी विशेष शैली में ट्राफिक कंट्रोल करने के लिए भी श्री सिंह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म U- ट्यूब और Facebook पर बहुत प्रसिद्ध हैं I
श्री रंजीत ने युवाओं को संदेश देते हुए यह साबित किया है कि कला और प्रसिद्धि किसी पद की मोहताज़ नहीं होती, अगर आपके अंदर ज़ज्बा है तो आपके कदम जरूर आसमान की ऊंचाइयों को छुएंगे ।श्री सिंह स्वर्गीय नगीना कुँवर जी के पौत्र और श्री शिवजी कुँवर जी के पुत्र है I साथ ही साथ डांस इंडिया डांस में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले और फिल्मी दुनिया के उभरते सितारे कुँवर अमर के बड़े भाई है I पुरस्कार प्राप्ति की सूचना के बाद पूरे गाँव में हर्ष का माहौल है I










