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राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर लगा भाजपा का झंडा,सोशल मीडिया पर लोग कर रहे है कार्यवाही की मांग

 





मधुसूदन सिंह

बलिया ।। भारतीय जनता पार्टी के मथुरा कार्यालय पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगे से ऊपर भाजपा का झंडा फहराये जाने का प्रकरण पर कार्यवाही की सोशल मीडिया पर चल रही मांग अभी शांत भी नही हुई थी कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व दो प्रदेशो के पूर्व राज्यपाल स्व कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर सम्मान में लिपटे तिरंगे के ऊपर भाजपा का झंडा लगाने की घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है । लोग ऐसा करने वालो के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है ।

बता दे कि स्व कल्याण सिंह को राजकीय सम्मान व गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिये पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर लोग अंतिम दर्शन कर ले,इसके लिये स्टेज पर रखा गया था । यहां तक सब कुछ सही चल रहा था । लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री श्री मोदी जी अंतिम दर्शन के लिये पहुंचे उसके पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह जल्दी में भाजपा का झंडा स्व सिंह के पार्थिव शरीर पर तिरंगे के ऊपर लगा दिये और पीएम मोदी व सीएम योगी ने अपने अपने श्रद्धा सुमन भी अर्पित कर दिये । अगर प्रदेश अध्यक्ष जी को भाजपा का झंडा दिखाना ही था तो ताबूत के दोनों तरफ लटका देते जिससे इनका भी कम हो जाता और तिरंगे का सम्मान भी सुरक्षित रहता ।अब लोग इसको राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कहते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस पर कार्यवाही की मांग कर रहे है ।

क्या है राष्ट्रीय ध्वज संहिता

15 अगस्त के दिन भाजपा का झंडा, राष्ट्रीय ध्वज से भी ऊपर लगाया गया. जिसपर तमाम लोगों ने आपत्ति जताई. आज और भी अधिक आगे बढ़ते हुए भाजपा ने तिरंगे के ऊपर अपना झंडा रख दिया है। आख़िर भाजपा के झंडे की यहाँ ज़रूरत ही क्या थी? और वो भी तिरंगे के ऊपर रखा गया. According to flag code of India “No other flag should be placed higher than or above or side by side with the National Flag.” हिंदी में कहें तो “किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा”. ये ऐसी चीज़ है जो देखते ही अजीब और आपत्तिजनक लग रही है. लेकिन PM मोदी से लेकर CM योगी ने इसे नज़रअन्दाज़ किया । बसपा के मुख्य सेक्टर प्रभारी बलिया डॉ मदन राम ने भाजपा समेत सभी दलों को नसीहत देते हुए चेताया है कि  इस बात को कान में डाल लेना चाहिए कि किसी भी दल के झंडे की इतनी औक़ात नहीं है कि वो राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर रखा जाए। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वालो पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिये ।