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पिता ने बोरे में मिले नर कंकाल को बताया अपने बेटे भूपेंद्र का,पुलिस असमंजस में




बृजेश सिंह

भीमपुरा। थाना क्षेत्र के कसेसर में बुधवार को सुखी पोखरी के पास बोरे में मिले नरकंकाल की भूपेन्द्र के पिता द्वारा पहचान के बाद पुलिसियां जांच को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उस समय नगरा पुलिस एक हफ्ते की कोशिश के बावजूद भी लापता धर्मेंद्र को खोजने में बिफल रही जबकि उसके परिजनों की माने तो उसका मोबाइल उसके पास ही था जिसके सहारे मामले का पर्दाफाश किया जा सकता था। लेकिन नगरा व भीमपुरा पुलिस की गुफ्तगू के बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हालांकि भीमपुरा पुलिस अभी नरकंकाल को भूपेन्द्र का मानने को तैयार नहीं है फिर भी पुलिस के लिए मानव शरीर से नरकंकाल में परिवर्तित होने की कहानी व उसकी पहचान की तह तक जाना एक चुनौती है।

     नगरा थाना क्षेत्र के सरजापुर निवासी भूपेन्द्र 25 वर्ष पिछले 23 सितंबर को अपने घर से निकला था लेकिन वह घर नहीं पहुँचा। जिसपर अगले दिन घर वालों ने इसकी सूचना नगरा पुलिस को दी। पुलिस की छानबीन में पता चला कि घटना की रोज भूपेन्द्र अपने साथियों संग कसेसर स्थित देशी शराब की दुकान तक शराब पीने आया था। नगरा पुलिस ने 25 सितम्बर को गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करते हुए उसके साथ गए युवक को भी थाने में एक हफ्ते तक रखकर पूछताछ की। इस दौरान भीमपुरा पुलिस से भी इस मसले पर मदद ली गयी। लेकिन बिना किसी नतीजे पर पहुँचे ही थाने में बैठाए गए युवक को छोड़ दिया गया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बुधवार को बोरे में मिले नरकंकाल के बाद उसकी हत्या को लेकर अटकले तेज हो गयी है जबकि उसका मोबाइल उसके पैंट में नहीं पाया गया है। अब देखना यह है कि भूपेन्द्र के साथ हुई वारदात का राज कैसे खुलेगा। फिरहाल स्थानीय पुलिस नरकंकाल को भूपेन्द्र का नहीं मान रही है उसका कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कर पाएंगे कि वह नरकंकाल भूपेन्द्र का ही है। खैर नरकंकाल भूपेन्द्र को हो या किसी और का पहचान करना और मानव शरीर को नरकंकाल के रुप मे तब्दील होने का कारण तलाशना पुलिस के लिए एक चुनौती है। घटना के दूसरे दिन अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी रसड़ा घटना स्थल का निरीक्षण कर मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए।