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जागो बलिया जागो,अधिकारियों से आस अब त्यागो,कोरोना के प्रति लापरवाहियां त्यागों



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। कोरोना की दूसरी लहर बलिया में भी हाहाकार मचाने को तैयार दिख रही है । ऐसा यहां के निवासियों की कोरोना के प्रति घोर लापरवाहियों और जिला प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण होता सम्भव दिख रहा है । अबकी बार कोरोना का ज्यादे कोप देहाती क्षेत्रो में दिख रहा है । दूसरे फेज में हुई मौत का आंकड़ा भी ग्रामीण अंचलों में ही अधिक होने के बावजूद लोगो मे इसके प्रति कोई खौफ दिख ही नही रहा है । वही पहले फेज के कोरोना संक्रमण से निपटने की जो प्रशासनिक प्रतिबद्धता दिखती थी,शीर्ष अधिकारियों ,चाहे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही हो,कोरोना नोडल अधिकारी डॉ विपिन जैन हो या इनकी आईएएस पत्नी अन्नपूर्णा गर्ग हो,सीएमओ डॉ पीके मिश्र हो या कोरोना के संक्रमण को रोकने की जंग में अपनी जान गंवाने वाले सीएमओ डॉ जितेंद्र पाल हो,सबने आगे रहकर लोगो को न सिर्फ जागरूक किया बल्कि कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित भी किया । लेकिन कोरोना के इस दूसरे फेज में अबतक अधिकारियों की वह नेतृत्व क्षमता अबतक दिखी ही नही । वर्तमान में यही लग रहा है कि अधिकारियों को पंचायत चुनाव कराना प्रथम वरीयता और कोरोना संक्रमण से निपटना दूसरी वरीयता का काम है ।

प्रशासनिक स्तर पर आज जागरूकता करने वाली मुहिम दिख ही नही रही है ।जिनको दुसरो की रक्षा करनी है वो अधिकारी खुद को जनता से दूरी बनाये हुए है । पूरे देश मे खतरनाक ढंग से कोरोना का कहर चल रहा है लेकिन बलिया का जिला प्रशासन पहले फेज में कार्य करने वाली समितियों की बैठक तक करना जरूरी नही समझ रहा है । ऐसे में बलिया वासियो को किसी अधिकारी के भरोसे रहने से अच्छा है कि अपनी सुरक्षा खुद करने के लिये जागरूक हो और दूसरों को भी जागरूक करें । दूसरी फेज का कोरोना बूढों बच्चो जवानों में कोई फर्क नही कर रहा है और जो मिल रहा है उसको शिकार बना रहा है ।

हम बलिया वासी यह जानते हुए भी कि कोरोना ने हमारे सीएमओ डॉ जितेंद्र पाल की जान ली है,अबतक 113 लोगो को मार चुका है,हम लोग इतने लापरवाह है ? हम को अपना न सही अपने परिवार के लिये जागरूक होना पड़ेगा । लापरवाहियों की ही देन है कि हर सुविधाओ से युक्त पुणे शहर में सेना को बुलाना पड़ा है, तो फिर हमारी क्या बिसात है,यहां तो स्वास्थ्य सुविधाओं का तो ईश्वर ही मालिक है ।

बता दे कि दयानंद सिंह पुत्र केदार नाथ सिंह निवासी मुंडाडीह बलिया की 26 मार्च को  बीएचयू वाराणसी में मौत हुई थी,जो बलिया की कोरोना से होने वाली 107 वी मौत थी । 28 मार्च को बलिया में मात्र 11 एक्टिव केस थे जो 8 अप्रैल को बढ़कर 400 पहुंच गई है । वही इन 14 दिनों में 6 लोगो की जान भी चली गयी है । पॉजिटिव केस मिलने का आलम यह है कि 5 अप्रैल को नये 60 पॉजिटिव के साथ 161 एक्टिव केस और मौतों की संख्या 2 बढ़कर 209 पहुंच गई । वही 6 अप्रैल को 72 नये पॉजिटिव केस के साथ 240 एक्टिव केस और मृतकों की संख्या 113 पहुंच गई । 7 अप्रैल को 65 नये पॉजिटिव केस के साथ एक्टिव मरीजो की संख्या 288 पहुंच गई । 8 अप्रैल को 82 नये पॉजिटिव के साथ एक्टिव केसों की संख्या 400 पहुंच चुकी है ।