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युवक की सड़क हादसे में मौत पर ग्रामीणों का सड़क जाम के बाद पुलिस के साथ दंगाई झड़प,कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी घायल,ग्रामीणों का भी पुलिस पर तोड़फोड़ करने का आरोप







 रमेश चंद गुप्ता 

दुबहड़ बलिया ।। दुबहड़। स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवपुर दीयर नई बस्ती बेयासी  चट्टी पर बुधवार की शाम अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। जिससे नाराज लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 31को जाम कर प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। लोगों का आरोप था कि दुर्घटना ट्रक से हुई है और 9:00 बजे तक स्थानीय थाने के पास ही नो एंट्री लगाया जाता है। अपने हमराहियों के साथ मौके पर  पहुंचे प्रभारी निरीक्षक अनिल चंद तिवारी एवं तहसीलदार गुलाब चंद्रा द्वारा जाम लगाए गए लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन इसी बीच किसी बात को लेकर ग्रामीणों, तहसीलदार सदर गुलाब चंद्रा एवं  पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया। विवाद के बीच पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया उधर से ग्रामीण भी पथराव करने लगे। ग्रामीणों द्वारा किए गए पथराव में तहसीलदार सदर गुलाब चंद्रा, दुबहड़ थाना प्रभारी अनिल चंद्र तिवारी, मुख्य आरक्षी चंद्रभान यादव, लवकेश कुमार पाठक, बलिया कोतवाल  विपिन सिंह, पुलिस लाइन के अरुण कुमार सिंह को चोटें आई।




तहसीलदार सदर गुलाब चंद्रा एवं दुबहड़ थाना प्रभारी अनिल चंद्र तिवारी की तहरीर पर 39 नामजद एवं 30 से 40 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा नंबर 002/2021 पर 143, 147, 148, 149, 307, 308, 436, 352, 353, 330, 332, 336, 342, 427, 436, 504, 506, 7 सीएलए एक्ट, महामारी अधिनियम- 3, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान- 2 एवं  सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम- 3 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत  किया गया है।

जानकारी के अनुसार विश्वकर्मा पासवान उम्र 25 वर्ष पुत्र वीरेंद्र पासवान  शहर से अपने घर आ रहा था जैसे ही वह बेयासी ढाले के पास पहुंचा। तभी अज्ञात वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दिया। जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। आनन-फानन में वहां पर मौजूद लोगों द्वारा उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की सूचना मिलते ही लोगो मे आक्रोश भड़क उठा । आगामी ग्राम प्रधानी में चुनाव लड़ने वालों के लिये राजनीति चमकाने का अच्छा मौका मिला और इन लोगो ने जनता को प्रशासन के खिलाफ उग्र होने में आग में घी की तरह साबित हुए । सूत्रों की माने तो लोगो से जाम हटाने को कहने गये तहसीलदार सदर गुलाब चन्द्रा और एसओ दुबहड़ अनिल चंद तिवारी के साथ स्थानीय नेता टाइप लोगो से बहस हो गयी और आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने पुलिस टीम के खिलाफ पथराव करने लगे जिसको कई थानों की फोर्स ने पहुंचकर लाठीचार्ज के सहारे खदेड़ दिया ।

पुलिस ने रातभर मचाया तांडव











दुबहड़ बलिया ।। पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज के बाद अपने अपने घरों में लौटे लोगो की रात भी कम खौफनाक नही रही । ग्रामीणों के अनुसार अपने सहयोगियों के घायल होने से घायल शेर की तरह पुलिस फोर्स रात भर लोगो के घरों में घुस घुस कर तांडव करती रही । ग्रामीणों के अनुसार पुलिस के जवानों ने घरों में घुस घुस कर न सिर्फ तोड़फोड़ की बल्कि भद्दी भद्दी गालियां देते हुए 3 बजे भोर तक तांडव करती रही ।

 स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने दबिश के नाम पर रात्रि 11:00 बजे से 3:00 बजे तक कई लोगों के घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर घुसकर खिड़कियों के शीशे, बिजली के उपकरण, वाशिंग मशीन, एंटीना, फर्नीचर्स, बाइकों, ठेलों, दुकानों को काफी क्षति पहुंचाई गई। आनंद कुमार शर्मा प्रिंट मीडिया प्रेस के बरामदे में रखी गई दो बाइकों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बिस्मिल्लाह की दुकान तोड़ी गई। रीतेश कुमार गुप्ता पुत्र हरेंद्र प्रताप के ठेला को तोड़फोड़ कर उसमें रखा गैस चूल्हा एवं सामान आदि नष्ट कर दिया गया। घटनास्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर शिवपुर दियर नई बस्ती निवासी अर्जुन सिंह, लल्लू सिंह एवं छात्र नेता राहुल मिश्र के घरों के दरवाजे तोड़कर महिलाओं को भद्दी-भद्दी गालियां दी गई एवं घर में रखे सामानों को क्षति पहुंचाया गया।








जनेश्वर मिश्र सेतु बना इस सड़क पर हादसे का प्रमुख कारण

गंगा नदी पर बना जनेश्वर मिश्र सेतु जहां पुलिसिया अवैध कमाई का प्रमुख केंद्र बन गया है तो वही नो इंट्री के समय मे भी इस से गुजरने वाले ट्रकों व छोटे मालवाहकों के चलते यह सड़क दुर्घटना वाली सड़क में तब्दील व चर्चित हो गयी है । बता दे कि भारी वाहनों के लिये रात 9 बजे तक नो इंट्री का नियम है । इस नियम के आधार पर पुलिस द्वारा वाहनों को बलिया बैरिया मार्ग पर ही रोक दिया जाता है जिससे लम्बी लम्बी कतारे लग जाती है । दुबहड़ पुलिस न जाने किस फायदे में इन गाड़ियों को 7 बजे से ही छोड़कर जनेश्वर मिश्र सेतु की तरफ जाने की इजाजत दे देती है । नतीजन ये भारी वाहन एकाएक सड़क पर तेजी के साथ चलकर गंगा पुल की तरफ चल देते है । चूंकि इनकी संख्या बहुत ज्यादे होती है ,इस लिये इनके चलते ही सड़क पर अन्य गाड़ियों के आने जाने से पैदल चलना भी दूभर हो जाता है । बुधवार को भी इस सड़क पर शाम 7 बजे ट्रको के चलने से ही दुर्घटना हुई बतायी जा रही है । दुर्घटना के प्रमुख कारणों में एक कारण नो इंट्री के बावजूद ट्रको की आवाजाही को इजाजत देना है । पुलिस अधीक्षक को चाहिये कि जनेश्वर मिश्र सेतु पर भारी वाहनों को 9 बजे रात से पहले किसी भी हालत में न जाने के लिये कड़ा आदेश जारी करे क्योंकि शाम 7 बजे से 9 बजे का समय आमजन के रोजमर्रा के कार्यो को करने का होता है ।