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पूर्व नौकरशाह का वीडियो संदेश के माध्यम से योगी सरकार पर बड़ा हमला :न कोरोना केसों की संख्या छिपाने से,न प्रदेश का भला होगा,न सरकार का



वायरल वीडियो में किया सरकार से दुबारा सवाल
लखनऊ ।।
 पूर्व नौकरशाह सूर्यप्रताप सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से योगी सरकार व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन पर बड़ा हमला बोला है । पूर्व नौकरशाह ने अपने ऊपर दर्ज कराये गये मुकदमे में लगी दफाओं पर भी सवाल खड़े करते हुए प्रदेश के अधिकारियों को सरकार से कानून की शिक्षा फिर से दिलाने की बात कही है ।
 साथ ही यह भी कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ जी कोरोना केसों की संख्या छिपाने से ना प्रदेश का भला होगा और ना ही सरकार का। कोरोना की जाँच करने की अनुमति सरकार से लेने की बाध्यता ? वाले सवाल पूछने पर मेरे ऊपर मुक़दमा ? ये सभी मेरे मौलिक अधिकारों का हनन है जो संविधान मुझे देता है। मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं पूछना चाहता हूँ।
माननीय मुख्यमंत्री जी कई बार कह चुके है कि प्रवासी मजदूरों में से 25 से 75 प्रतिशत संक्रमित है । मेरा सवाल यही है कि इन प्रवासी मजदूरों की जांच कब होगी ? क्यो इनको मरने के लिये छोड़ दिया गया है । कितनी संख्या में प्रतिदिन सैम्पलों की जांच हो रही है - 7000 या 8000 या 10000 या 15000 ? विभिन्न बयानों से संशय उतपन्न हो रहा है । मुझे वास्तविक संख्या बतायी जाय ?  यह पूंछना क्या जुर्म है । मैं पिछले 4 साल से VRS लेने के बाद आम नागरिक के रूप में जीवन यापन कर रहा हूँ ,और उपरोक्त सवाल पूंछना मेरा मौलिक अधिकार है ।

     श्री सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर दर्ज मुकदमे में लगी दफाओं को देखकर मुझे वर्तमान नौकरशाहों की कानूनी जानकारी पर तरस आ रहा है और मेरी मांग है कि माननीय मुख्यमंत्री जी इन लोगो की एकबार फिर से कानूनी ट्रेनिंग कराये । क्योकि इन लोगो ने सेवानिवृत्त नौकरशाह पर भी वही धाराएं लगवायी है जो वर्तमान नौकरशाह पर लगती है ।

वही श्री सिंह ने सबसे बड़े कटाक्ष में कहा है कि मैं छात्रों का रोष देख रहा हूँ, मैं मज़दूरों का दर्द देख रहा हूँ, मैं मरीजों का डर देख रहा हूँ, मैं ख़राब पड़े वेंटीलेटर देख रहा हूँ, मैं सत्ता के दलालों का दंभ देख रहा हूँ, मैं नौकरशाहों की लाचारी देख रहा हूँ, मैं युवाओं की बेरोजगारी देख रहा हूँ, मैं इस सरकार का अंत देख रहा हूँ।

और एक बात मुझपर मुकदमा किया कोई बात नहीं, पर मेरे काबिल सहकर्मियों को क़ानून का ज्ञान नहीं है ये देख कर दुःख हुआ। मुझे VRS लिए हुए 4 साल हो गए और मुझपर सरकारी कर्मचारियों पर लगाने वाली धाराएँ लगवायी गयीं, इसपर @IAS association संज्ञान ले और अधिकारियों की ट्रेनिंग एक बार फिर से करवायी जाए।