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बलिया : आर्यन मोह में पड़े नगर पालिका अध्यक्ष, टेंडर हो जाने के बाद भी नहीं दे रहे हैं नई कम्पनी को अप्रूवल

 आर्यन मोह में पड़े नगर पालिका अध्यक्ष, टेंडर हो जाने के बाद भी नहीं दे रहे हैं नई कम्पनी को अप्रूवल

बलिया 15 अक्टूबर 2019 ।। नगर पालिका परिषद बलिया में साफ-सफाई और ट्यूबेल तथा आरो प्लांट के ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटरों की सप्लाई के लिए हुई निविदा के खुल जाने के बावजूद 27 सितंबर 2019 से नगर पालिका अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी की आर्यन मोह ने अप्रूवल को रोक रखा है । बता दें कि बलिया नगरपालिका में पहले आर्यन ग्रुप नामक कंपनी 11 वार्डो की साफ-सफाई का जिम्मा ली हुई थी और जिसके मद में नगरपालिका उसको लगभग ₹35 लाख प्रतिमाह भुगतान कर रही थी । जिलाधिकारी को मिली शिकायतों और इसकी जांच के बाद पाया गया कि आर्यन ग्रुप को नगरपालिका बलिया निविदा की शर्तों के पूरा न करने के बावजूद भी गलत तरीके से भुगतान कर रही है । रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी बलिया ने नगरपालिका बलिया को आदेशित किया की साफ-सफाई और ऑपरेटरों की आपूर्ति के लिए नई निविदा निकाली जाए जो मात्र 1 वर्ष के लिए ही होगी (जबकि नगर पालिका ने आर्यन ग्रुप के साथ 5 साल का विधि विरुद्ध समझौता किया था ।) जिलाधिकारी के इस आदेश के बाद नगरपालिका बलिया द्वारा एक ऑनलाइन निविदा निकाली गई जो 17 सितंबर 2019 को खुली इस निविदा में कॉन्टिनेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ,जय ग्लोबल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ,किंग्स सिक्योरिटी  प्राइवेट लिमिटेड, विनय कुमार सिंह और पी सी एस फिंटैंक प्राइवेट लिमिटेड , डिगनस फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड, आर्यन ग्रूप ऑफ गार्ड्स ने भाग लिया । जिसमें पीसीएस फिंटैंक प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ की निविदा की दर सबसे कम होने के कारण स्वीकृत की गई । जिलाधिकारी बलिया द्वारा निविदा के लिए जो कमेटी गठित की गई थी उसमें ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ उप जिलाधिकारी रसड़ा विपिन जैन (आईएएस),सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर प्रकाश सिंह और अधिशासी अधिकारी नगरपालिका बलिया डीके विश्वकर्मा शामिल थे । इस कमेटी ने सभी निविदाओं का बारीकी से अध्ययन किया और पीसीएस फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ को कार्य आवंटित करने की अपनी सहमति दे दी । कमेटी की सहमति के बाद अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद बलिया डीके विश्वकर्मा ने वर्क आर्डर जारी करने और कम्पनी से एग्रीमेंट साइन कराने के लिये पत्रावली को निविदा के खुलने के 27 सितंबर से ही नगर पालिका अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी से  सहमति और एप्रूवल के लिये भेज दिया है । लेकिन चेयरमैन द्वारा आर्यन मोह में निविदा के द्वारा चयनित कम्पनी की फ़ाइल पर लगभग 19 दिन होने को है लेकिन अब तक हस्ताक्षर नही किये है और आर्यन कम्पनी से विधि विरुद्ध तरीके से काम ले रहे है । जबकि निविदा के स्वीकृत हो जाने के बाद पुरानी कम्पनी से कार्य लेना कानूनन गलत है । चर्चा तो यह भी है कि चेयरमैन साहब आर्यन ग्रुप को ददरी मेला की साफ सफाई का जिम्मा देने का मन बना लिये है , साथ ही नगर की साफ सफाई का कार्य भी फ़ाइल को लटका कर पुरानी कम्पनी से ही कराने की योजना पर चल रहे है । आलम यह है कि बरसात और बाढ़ के चलते जहां शहर का कोई भी मुहल्ला ऐसा नही है जहां पानी न लगा हो , वही सफाई के नाम पर कोरम पूरा हो रहा है । जगह जगह लगे पानी मे दवा और ब्लीचिंग पाउडर तक का तो छिडकांव नही हो रहा है । इस संबंध में जब अधिशासी अधिकारी डीके विश्वकर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि मेरे द्वारा कई बार मौखिक रूप से और लिखित रूप से भी चेयरमैन साहब से निविदा की फ़ाइल पर हस्ताक्षर करने की बात कही गयी है पर न जाने चेयरमैन साहब हस्ताक्षर क्यो नही कर रहे है ।
आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड्स ने ले रखा है स्टे
अधिशासी अधिकारी बलिया डीके विश्वकर्मा ने यह भी बताया कि आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड्स के द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय से एक स्थगन आदेश भी लिया गया है लेकिन वह नगर पालिका में जमा नही किया गया है ।इस स्टे की जानकारी होते ही इसके खिलाफ काउंटर लगा दिया गया है ।कहा कि जब आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड्स द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग ले लिया गया था तो उनको स्थगन आदेश लेते समय इन बातों का जिक्र अपने दांवे में करना चाहिये था जिसको छुपा कर आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड ने एक तरह से कोर्ट को गुमराह करके स्थगन आदेश लिया है । अगर इनको स्थगन आदेश ही लेना था तो निविदा प्रक्रिया में भाग नही लेते । निविदा प्रक्रिया में भाग लेकर खुद ही आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड्स ने साबित कर दिया कि इस प्रक्रिया के होने से उनको कोई आपत्ति नही है । अब चूंकि आर्यन को काम नही मिला तो स्थगन आदेश लेना कानूनन गलत है ।