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बलिया :शासनादेशों की अवहेलना और गन्दगी के अम्बार , यही है बलिया नगर पालिका की पहचान, आईजीआरएस पर फर्जी निस्तारणो के वावजूद कार्यवाई न होने से भ्रष्टाचार का बोलबाला

शासनादेशों की अवहेलना  और गन्दगी के अम्बार , यही है बलिया नगर पालिका की पहचान,
आईजीआरएस पर फर्जी निस्तारणो के वावजूद कार्यवाई न होने से भ्रष्टाचार का बोलबाला
मधुसूदन सिंह 

बलिया 28 मार्च 2019 ।। प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार करने की नीति के वावजूद अगर इस पर प्रभावी अंकुश नही लग पाया है तो यह नौकरशाही की भ्रष्टाचार में आकंठ डूबने के कारण है । सरकार योजनाएं चाहे लाख अच्छी लाये , अगर नौकरशाह नही चाहेंगे तो वह सफल नही होगी । अगर सरकार इस पर सख्ती न दिखाए तो ये अधिकारी उसको ठंडे बस्ते में डाल देते है । सीएम योगी की आईजीआरएस के माध्यम से जनता से शिकायत की बहुत ही अच्छी योजना शुरू की गई थी लेकिन जब अधिकारियों ने इसके माध्यम से अपनी कमियों को उजागर होने का प्रतिशत देखा तो उनके होश फ़ाख्ता हो गये और इसको फेल करने की योजना पर काम शुरू कर दिये । आज आलम यह है कि आईजीआरएस मतलब फर्जीवाड़े को सत्यापित करने का सरकारी अड्डा कहलाने लगा है ।
इसके निस्तारण के बाद पहले फीडबैक के लिये जो फोन कॉल आती थी और असहमति बताने पर शिकायत पुनः निस्तारण के वावजूद जीवित कर दी जाती थी , अब वह भी बंद हो गया है । फोन कॉल आती तो है मगर उसका कोई मतलब नही रह गया है । अगर शिकायत के बाद नगर विकास के प्रमुख सचिव से लेकर जिलाधिकारी तक कार्यवाई करने में असमर्थ हो / या जानबूझ कर कार्यवाई न करते हो तो इससे सरकार की ही गरिमा गिरती है नौकरशाहों की नही । मेरी प्रदेश सरकार के मुखिया सीएम योगी जी और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना जी से आग्रह है कि शासनादेशों के उल्लंघन और शहर को गंदगी के अम्बार में प्रसिद्धि दिलाने वाले नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने की कृपा करें क्योंकि यहां ---
1- शासन को गुमराह करने वाले पत्रों को भेजने के वावजूद  वर्षो से एक ही पटल देखने वाले बाबुओ का पटल परिवर्तन नही हुआ है जबकि कागजो में हो गया बताकर शासन को चिट्ठी भेज दी गयी है ।

2- नगर पालिका की संपत्तियों को दशकों से देख रहे पटल बाबू ने शहर की सेनेटरी गलियों को भ्रष्टाचार के द्वारा कब्जा करा दिया है और इसकी जांच न हो इस लिये इसका मानचित्र भी गायब कर दिया गया है ।

3-  नगर के 11 वार्डो में साफ सफाई के लिये आर्यन ग्रुप नामक कम्पनी को जिम्मेदारी दी गयी है । इसके लिये इसको विभिन्न मदो को मिलाकर लगभग 35 लाख का भुगतान होने के वावजूद कूड़े का अंबार , भरी हुई नालियां हर वार्डो में दिख जाएगी । बलिया में सूखे और गीले कूड़े को अलग अलग करने का कार्य नही होने के वावजूद इस कम्पनी को प्रतिमाह इसके बदले लगभग 185000 रुपये का भुगतान , बिना ऐंटी लार्वा के छिड़कांव के लगभग 55 हजार रुपये का भुगतान , फागिंग के नाम पर लूट , चेयरमैन और ईओ की देखरेख में हो रहा है लेकिन इसकी जांच करने वाला कोई नही है । यही नही यह कम्पनी सरकार से मिलने वाली कर्मचारियों के मानदेय का लगभग 40 प्रतिशत खुद हजम करने के वावजूद , पीएफ में कटौती किये गए धनराशि को कर्मचारियों को नही बता रही है , न ही पीएफ एकाउंट का नम्बर ही दे रही है । इसके भ्रष्टाचार की जांच आवश्यक है ।

4 - नगर क्षेत्र में चल रहे ट्यूबेल और आर ओ प्लांटो पर नियमतः तीन शिफ्टों के लिये प्रति यूनिट तीन कर्मचारी होने चाहिये लेकिन इसके लिये आपरेटर सप्लाई करने वाली ग्लोबल नामक कम्पनी और चेयरमैन ईओ की मिलीभगत से आवश्यकता से कई गुना अधिक कर्मचारियों का भुगतान हो रहा है , इसकी जांच आवश्यक है ।

5-  वार्ड नम्बर 15 आनन्द नगर की वर्षो से जाम नाली को साफ कराने के लिये जिलाधिकारी बलिया से लगायत आयुक्त आजमगढ़, नोडल अधिकारी बलिया, प्रमुख सचिव नगर विकास , और अक्टूबर 2018 से आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत करने के वावजूद सफाई की जहमत नही उठाई गई है । आईजीआरएस के आदेश को जिलाधिकारी बलिया और नगर पालिका बलिया कितनी संजीदगी से लेते है नीचे दिये जा रहे शिकायत के विवरण से खुद ही देख लीजिये --


माननीय मुख्यमंत्री जी , माननीय नगर विकास मंत्री जी एक बार नगर पालिका बलिया में उच्च स्तरीय जांच करा दीजिये , आपको विश्वास दिलाता हूं यहां भ्रष्टाचार का समुद्र मिलेगा ।