बलिया : हिंदी के लिये संगोष्ठी मना लेने से हिंदी का विकास नही होगा बल्कि प्रयोग में लाने से होगा विकास -डॉ सुनील
हिन्दी की दशा एवं दिशा पर सगोष्ठी सम्पन्न
दुबेछपरा बलिया 14 सितंबर 2018 ।।
हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर अमरनाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज दुबेछपरा बलिया में "व
र्तमान संदर्भ में-हिन्दी की दशा एवम दिशा ""विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ शिवेश प्रसाद राय ने किया।हिन्दी विषय पर बोलते हुये विद्यार्थियों में मंगलेश मिश्रा, राजा शाह ,राहुल मिश्र की भी सहभागिता प्रशन्सनीय रही ।डॉ सुनील कुमार ओझा ने कहा कि सिर्फ संगोष्ठियां मना लेने से ही हिंदी का विकास नही होगा, बल्कि उसको परिवार से और अपने बच्चों को इसकी शिक्षा देना होगा।।।क्योंकि जहाँ हिन्दी संस्कार सिखाती है।वही अंग्रेजी क्रूरता को प्रदशित करती है ।कृपा शंकर पाण्डे जी ने कहा कि मोबाईलऔर बटन पर टिप्पणी किये।अध्यक्षता उद्धबोधन में कहा कि जन जन को आंदोलन करने की जरूरत है तब जाकर वेदोदय काल से चली आ रही हिंदी का सम्मान बचेगा हम सभी हिंदी औऱ अंग्रेजी के बीच फंसकर हिंग्लिश सभ्यता की तरफ बढंते चले जा रहे हैं जिसका कोई मूल्य नहीं है ।संचालन करते हुए संजय मिश्रा जी ने कहा कि हिन्दी का विकास तो हुआ है मगर इसको आगे बढाने और वर्तमान संदर्भ में इसे विज्ञान और तकनीक की भाषा बनानी होगी साथ ही इसे व्यापारिक भाषा बनाने पर भी जोर देना होगा।तब हिंदी का विकास होगा।कार्यक्रम में ओम प्रकाश सिंह,अक्षय कुमार,परमानंद पांडेय, रूपेश मिश्र, प्रभा शंकर ,सुभाष सिंह,रविन्द्र जी,योगेंद्र जी,नागेंद्र तिवारी,शिवजी तिवारी,अनिल कुमार एवं जगलाल आदि उपस्थित रहे।
दुबेछपरा बलिया 14 सितंबर 2018 ।।
हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर अमरनाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज दुबेछपरा बलिया में "व
र्तमान संदर्भ में-हिन्दी की दशा एवम दिशा ""विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ शिवेश प्रसाद राय ने किया।हिन्दी विषय पर बोलते हुये विद्यार्थियों में मंगलेश मिश्रा, राजा शाह ,राहुल मिश्र की भी सहभागिता प्रशन्सनीय रही ।डॉ सुनील कुमार ओझा ने कहा कि सिर्फ संगोष्ठियां मना लेने से ही हिंदी का विकास नही होगा, बल्कि उसको परिवार से और अपने बच्चों को इसकी शिक्षा देना होगा।।।क्योंकि जहाँ हिन्दी संस्कार सिखाती है।वही अंग्रेजी क्रूरता को प्रदशित करती है ।कृपा शंकर पाण्डे जी ने कहा कि मोबाईलऔर बटन पर टिप्पणी किये।अध्यक्षता उद्धबोधन में कहा कि जन जन को आंदोलन करने की जरूरत है तब जाकर वेदोदय काल से चली आ रही हिंदी का सम्मान बचेगा हम सभी हिंदी औऱ अंग्रेजी के बीच फंसकर हिंग्लिश सभ्यता की तरफ बढंते चले जा रहे हैं जिसका कोई मूल्य नहीं है ।संचालन करते हुए संजय मिश्रा जी ने कहा कि हिन्दी का विकास तो हुआ है मगर इसको आगे बढाने और वर्तमान संदर्भ में इसे विज्ञान और तकनीक की भाषा बनानी होगी साथ ही इसे व्यापारिक भाषा बनाने पर भी जोर देना होगा।तब हिंदी का विकास होगा।कार्यक्रम में ओम प्रकाश सिंह,अक्षय कुमार,परमानंद पांडेय, रूपेश मिश्र, प्रभा शंकर ,सुभाष सिंह,रविन्द्र जी,योगेंद्र जी,नागेंद्र तिवारी,शिवजी तिवारी,अनिल कुमार एवं जगलाल आदि उपस्थित रहे।