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पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और मरियम लाहौर एयरपोर्ट से गिरफ्तार



    13 जुलाई 2018 ।।
    भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम को शुक्रवार रात को देश लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया. शरीफ और मरियम को लेकर आ रहा विमान भारतीय समयानुसार रात करीब सवा नौ बजे लाहौर के अल्लामा इकबाल हवाई अड्डे पर पहुंचा. विमान अपने निर्धारित समय से करीब तीन घंटे देर से आया. एतिहाद एयरवेज की उड़ान EY 243 अबू धाबी से यहां पहुंची.

    यहां आने से पहले शरीफ और उनकी बेटी लंदन से संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी पहुंचे थे. शरीफ की पत्नी कुलसुम लंदन के अस्पताल में जिदंगी मौत की जंग लड़ रही हैं. पाकिस्तान के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय के अधिकारी, शरीफ और उनकी बेटी को हिरासत में लेने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे. दोनों को छह जुलाई को लंदन में चार आलीशान फ्लैटों की मिल्कियत से जुड़े एवेनफील्ड संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था । शरीफ (68) और उनकी बेटी मरियम (44) को एक जवाबदेही अदालत ने क्रमश: दस और सात साल की कैद की सजा सुनाई है. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) और कार्यवाहक सरकार ने घोषणा की थी कि हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा. दोनों को इस्लामाबाद ले जाने के लिए हवाई अड्डे पर एक हेलीकॉप्टर मौजूद था. उन्हें जवाबदेही अदालत में पेश करने के बाद इस्लामाबाद से रावलपिंडी की अदियाला जेल ले जाया गया है.

    उनकी गिरफ्तारी तक के महत्वपूर्ण घटनाक्रम इस प्रकार हैं...
    4 अप्रैल 2016: इंटरनेशनल कंसोर्टियम आफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने पनामा पेपर प्रकाशित किया जिसमें विश्व की प्रमुख हस्तियों द्वारा विदेशों में खातों और मुखौटा कंपनियों के जरिये कर चोरी का खुलासा किया गया। इन दस्तावेजों में शरीफ परिवार का भी नाम था.
    5 अप्रैल 2016: शरीफ ने आरोपों से इनकार करते हुए आरोपों की जांच के लिए एक न्यायिक कमेटी का गठन किया.
    26 अप्रैल 2016: विपक्षी दलों ने सरकार की ओर से गठित न्यायिक आयोग को खारिज किया.
    1 नवम्बर 2016: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने नवाज शरीफ से जुड़े मामले में आगे बढ़ने का फैसला किया.
    7 नवम्बर 2016: पीएमएल (एन) ने कतर के शहजादे का पत्र उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसमें लंदन के फ्लैटों के बारे में सूचना थी जो कि पनामा पेपर घोटाले के केंद्र में थे.
    6 जनवरी 2017: उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनवायी फिर से शुरू करने पर शरीफ की पुत्री मरियम नवाज ने सम्पत्ति का ब्योरे जमा किए.
    5 मई 2017: उच्चतम न्यायालय ने अंतत : संयुक्त जांच टीम का गठन किया.
    22 मई 2017: संयुक्त जांच टीम ने अपनी पहली द्विसाप्ताहिक रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपी.
    15 जून 2017: शरीफ पूछताछ के लिए संयुक्त जांच टीम के समक्ष पेश हुए. वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने जो इस पद पर रहते हुए किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए.
    17 जून 2017: शरीफ के छोटे भाई एवं पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ से संयुक्त जांच टीम ने पूछताछ की.
    पांच जुलाई 2017: शरीफ की पुत्री मरियम संयुक्त जांच टीम के समक्ष पेश हुई.
    10 जुलाई 2017: संयुक्त जांच टीम ने अपनी अंतिम रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में पेश की.
    28 जुलाई 2017: उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया, उन्हें अयोग्य करार दिया.
    15 अगस्त 2017: शरीफ ने उच्चतम न्यायालय में तीन अलग अलग अपील दायर करके अदालत से पनामा पेपर मामले में फैसले की समीक्षा करने की अपील की.
    15 सितम्बर 2017: उच्चतम न्यायालय ने शरीफ, उनके बच्चों और वित्त मंत्री इशाक डार की ओर से दायर उन समीक्षा याचिकाएं खारिज कर दी जिसमें पनामा पेपर घोटाला मामले में उन्हें अयोग्य करार देने को चुनौती दी गई थी.
    22 सितम्बर 2017: पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने शरीफ और उनके परिवार के खातों पर रोक लगाई और सम्पत्ति जब्त की.
    26 सितम्बर 2017: शरीफ पनामा पेपर घोटाला मामले में अपने खिलाफ लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के समक्ष पहली बार पेश हुए.
    नौ अक्तूबर 2017: मरियम नवाज, शरीफ के दामाद को पनामा पेपर मामले में जमानत मिली.
    19 अक्तूबर 2017: पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने शरीफ, उनकी पुत्री और दामाद को अभ्यारोपित किया.
    26 अक्तूबर 2017: पाकिस्तान की अदालत ने शरीफ के पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया.
    दो नवम्बर 2017: शरीफ सुनवायी का सामना करने के लिए ब्रिटेन से स्वदेश लौटे.
    21 फरवरी 2018: पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को पीएमएल (एन) प्रमुख के तौर पर अयोग्य ठहराया.
    13 अप्रैल 2018: पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद शरीफ पर आजीवन चुनाव लड़ने पर रोक लगी.
    छह जुलाई 2018: शरीफ को एवेंफील्ड सम्पत्ति मामले में 10 वर्ष की कठोर करावास की सजा हुई.
    13 जुलाई 2018: शरीफ और मरियम ब्रिटेन से लाहौर पहुंचने पर गिरफ्तार किये गए ।