Home
/
Unlabelled
/
शह और मात का गेम शुरू : चर्चा के लिये समय निर्धारण में विपक्षियों को मिला बहुत कम समय , आधे समय पर बीजेपी का कब्जा
शह और मात का गेम शुरू : चर्चा के लिये समय निर्धारण में विपक्षियों को मिला बहुत कम समय , आधे समय पर बीजेपी का कब्जा

- नईदिल्ली 19 जुलाई 2018 ।।
मतदान से पूर्व ही सरकार और विपक्ष में शह और मात का खेल शुरू हो गया है जिसकी शुरुआत सरकार ने विपक्षियों को चर्चा के लिये बहुत कम समय देकर कर दी है ।
लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 7 घण्टे की चर्चा के समय में से 3 घंटे और 33 मिनट का समय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आवंटित किया गया है ।
मानसून सत्र के पहले ही दिन टीडीपी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया ।सुमित्रा महाजन का अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करना कहीं न कहीं बीजेपी की बदली हुई रणनीति हो सकती है क्योंकि इसी साल मार्च में बजट सत्र के दौरान सरकार द्वारा इसे अवरुद्ध कर दिया गया था ।टीडीपी बीजेपी की पूर्व सहयोगी रही है । आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, सामुहिक हिंसा और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों को उठाने के लिए टीडीपी को मात्र 13 मिनट का वक्त दिया गया है ।
उम्मीद है कि पार्टी अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार पर हमला बोलेगी ।
एक वरिष्ठ नेता के अनुसार कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा की, जो इस बात पर सहमत हुए कि क्योंकि अन्य पार्टियों ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है, इसलिए दक्षिण भारतीय पार्टी को सदन में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का भी उल्लेख और समर्थन करना चाहिए ।
इन दोनों पार्टियों के अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 38 मिनट आवंटित किए गए हैं. बीजू जनता दल को 15 मिनट, एआईएडीएमके को 29 और शिवसेना को 14 मिनट का वक्त दिया गया है ।
अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक एनडीए के पास कम से 314 सांसद हैं जो कुल संख्या के आधे यानी 268 से काफी अधिक है. इस अविश्वास प्रस्ताव को अगले लोक सभा चुनाव से पूर्व विपक्षी एकता की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है ।
वहीं विपक्ष इस अवसर का इस्तेमाल जनता के सामने मोदी सरकार की नाकामियों रखने और आम चुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए करना चाहता है ।
सरकार के नेताओं की इस टिप्पणी पर कि हमारे पास पर्याप्त संख्याबल है और अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, सीपीआई (एम) के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि प्रस्ताव देश की जनता से जुड़े मुद्दों पर संसद में चर्चा के करने लिए एक साधन है ।
सलीम ने कहा, “सवाल जीतने या हारने का नहीं है. सरकार लोगों का ध्यान बटाने के लिए जानबूझकर यह कह रही है कि विपक्ष का प्रस्ताव गिर जाएगा । वह यह दिखाना चाहते हैं कि विपक्ष हार रहा है इसलिए वे जो मुद्दे उठा रहे हैं वो किसी काम के नहीं है. निश्चित रुप से यह सही नहीं है. सरकार लोगों के लिए उत्तरदायी है और उसे विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देना चाहिए."।
एक वरिष्ठ नेता के अनुसार कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा की, जो इस बात पर सहमत हुए कि क्योंकि अन्य पार्टियों ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है, इसलिए दक्षिण भारतीय पार्टी को सदन में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का भी उल्लेख और समर्थन करना चाहिए ।
इन दोनों पार्टियों के अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 38 मिनट आवंटित किए गए हैं. बीजू जनता दल को 15 मिनट, एआईएडीएमके को 29 और शिवसेना को 14 मिनट का वक्त दिया गया है ।
अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक एनडीए के पास कम से 314 सांसद हैं जो कुल संख्या के आधे यानी 268 से काफी अधिक है. इस अविश्वास प्रस्ताव को अगले लोक सभा चुनाव से पूर्व विपक्षी एकता की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है ।
वहीं विपक्ष इस अवसर का इस्तेमाल जनता के सामने मोदी सरकार की नाकामियों रखने और आम चुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए करना चाहता है ।
सरकार के नेताओं की इस टिप्पणी पर कि हमारे पास पर्याप्त संख्याबल है और अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, सीपीआई (एम) के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि प्रस्ताव देश की जनता से जुड़े मुद्दों पर संसद में चर्चा के करने लिए एक साधन है ।
सलीम ने कहा, “सवाल जीतने या हारने का नहीं है. सरकार लोगों का ध्यान बटाने के लिए जानबूझकर यह कह रही है कि विपक्ष का प्रस्ताव गिर जाएगा । वह यह दिखाना चाहते हैं कि विपक्ष हार रहा है इसलिए वे जो मुद्दे उठा रहे हैं वो किसी काम के नहीं है. निश्चित रुप से यह सही नहीं है. सरकार लोगों के लिए उत्तरदायी है और उसे विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देना चाहिए."।
शह और मात का गेम शुरू : चर्चा के लिये समय निर्धारण में विपक्षियों को मिला बहुत कम समय , आधे समय पर बीजेपी का कब्जा
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 20, 2018
Rating: 5
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 20, 2018
Rating: 5

