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शहीद पापा की ताबूत पर लेट गयी 5 माह की बेटी , देखकर सब हुए भावुक

डीएम ने लिखा बिटिया के नाम मार्मिक पत्र


16 जुलाई 2018 ।।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के पैराट्रूपर मुकुट बिहारी मीणा का पार्थिव शरीर जब राजस्थान के झालावाड़ स्थित उनके पैतृक गांव खानपुर पहुंचा तो वहां दिल पसीजने वाला दृश्य देखने को मिला ।
तिरंगे में लिपटा शहीद मीना का पार्थिव शरीर ताबूत में रखा था. गांव में जब उनकी पांच महीने की बेटी का हाथ ताबूत से छुआने की कोशिश की गई, तो वह ताबूत पर ही बैठ गई और फिर कुछ ही देर बाद वहीं लेट गई । इस दृश्य को देखकर वहां का माहौल और भी गमगीन हो गया और कई लोगों के आंसू छलक आए. इसके बाद शहीद मीणा के पिता जगन्नाथ ने उसी बच्ची के हाथों से चिता को मुखाग्नि दिलाई । मीणा की शहादत को लेकर झालावाड़ के जिला कलेक्टर ने उनकी बेटी को एक भावुक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बच्ची से बड़े होने पर अपने पिता की शहादत को अपना नूर और गुरूर बनाने को कहा है ।
जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने मासूम को लिखे पत्र में कहा, ‘बिटिया आरू, जब तुम बड़ी होकर देश के शहीदों के बारे में सुनोगी तो तुम्हें गर्व होगा. तुम अपने शहीद पिता की अंगुली पकड़कर बड़ी नहीं होगी मगर उनकी शहादत ​के किस्से तुम्हें रोज सुनने को मिलेंगे. जब भी उनकी याद आए तो याद रखना कि कुछ अभाव चुभते हैं, मगर तुम्हारे पिता की तरह देश के लिए कुर्बान होने का गौरव सबको नसीब नहीं होता.’

सोनी ने लिखा, ‘न केवल इस क्षेत्र के लोगों की बल्कि देश के हर जिम्मेदार और समझदार नागरिक की दुआएं और आशीर्वाद आपके साथ है. तुम खूब पढ़ना और अपने पिता की गौरवमयी शहादत को अपना नूर और गुरूर बनाना.’

कलेक्टर ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह मासूम आरू ने लोगों का ध्यान खींच कर उन्हें भावुक कर दिया. फेसबुक पर यह पत्र शेयर करते हुए जिला कलेक्टर ने लिखा, 'आप बिना रोये शहीद के ताबूत पर बैठ गईं और उस पर लेट गईं. उसके कुछ क्षण पहले आपने अपने पिता का चेहरा देखा था. यह बहुत भावुकतापूर्ण दृश्य था. मैं और सेना के सभी अधिकारी तुम्हें देख रहे थे, सभी अलग अलग तरीके से सोझ रहे ​होंगे मगर सोच का केंद्र तुम्हारी मासूमियत और तुम्हारे शहीद पिता थे.'।

झालावाड़ के 100 घरों वाले लडानिया गांव निवासी 25 वर्षीय मीणा ने बीती 11 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. शहीद मीणा का अंतिम संस्कार कल पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया था.
(भाषा इनपुट के साथ)