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बलिया :-कही सांसद भरत सिंह को बदनाम करने की साजिश में प्रशासन भी शामिल तो नही ?


सांसद पर आरोप लगने के बाद भी हरकत में नही आया प्रशासन
आदेश नगर पालिका को , काम करा रहा पीआईएल का याची
ईओ बलिया ने कहा नगर पालिका नही करा रही काम
बलिया ।
          जिलाधिकारी बलिया का 11 जून 2018 को विवादित भू खंड 297 हरपुर बलिया पर दिया गया फैसला जहां कई कानूनी पेंचदगियो को पैदा किये हुए है वही बिना किसी आदेश के 12 जून से ही पीआईएल के याची द्वारा विवादित भू खंड को दर्जन भर ट्रेक्टर , जेसीबी लगाकर तालाब बनाने का कार्य करना प्रशासन की इसके प्रति उदासीनता दर्शाती है । डीएम बलिया ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि नगरी क्षेत्र होने के कारण इस भू खंड पर जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 लागू नही होता फिर भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेश जिसमे पोखरी तालाब भीटा कुओ के संरक्षण की बात कही गयी है और इस क्षेत्र में तालाब की आवश्यकता को देखते हुए  इसको नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को इसको सुंदरी करण के लिये बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराकर, शासन से धन आवंटित कराकर, इस कार्य को यथाशीघ्र कराये । सोमवार को जब इस संबंध में अधिशासी अधिकारी बलिया डीके विश्वकर्मा से पूंछा गया तो उनका जबाब था कि इस संबंध में मेरे पास कोई आदेश नही आया है और न नगर पालिका ने इस भू खण्ड पर किसी को कार्य करने का आदेश दिया है । आप लोगो द्वारा अभी इस बात की जानकारी हुई है । मेरे यहाँ पहले बोर्ड से प्रस्ताव जाएगा , फिर शासन की स्वीकृति के बाद ईटेंडरिंग के माध्यम से चयनित ठेकेदार से काम कराया जाएगा । ऐसे ही किसी को कार्य करने की इजाजत नही दी जा सकती । इस संबंध में विवादित भू खण्ड  पर अपना स्वामित्व बताने वाले कृष्णानन्द मिश्र ने अपर जिलाधिकारी बलिया से लिखित आवेदन देकर उमेश मिश्र आदि द्वारा बिना किसी आदेश के तालाब की खोदाई करने के कार्य को रोकने और जिलाधिकारी के आदेश के अनुपालन कराने की मांग की , जिसपर अपर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को आदेश के अनुपालन का आदेश दिया । सोमवार को ही एसडीएम सदर ने शहर कोतवाल और ईओ को डीएम के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया । शहर कोतवाल बलिया मंगलवार को मौके पर गये और काम को रुकवा दिया उनके वापस आते ही काम शुरू हो गया । सांसद भरत सिंह के पड़ोस में ही उमेश मिश्र के रहने के कारण और इनके यहां बैठने के कारण अजित मिश्र सांसद पर उमेश मिश्र का सहयोग करने का आरोप लगा रहे है ।
  यह प्रकरण इतना तूल नही पकड़ता यदि जिला प्रशासन उमेश मिश्र आदि द्वारा अवैध खुदाई को सूचना मिलते ही रुकवा दिया होता तो अजित मिश्र को सांसद भरत सिंह पर आरोप लगाने का मौका ही नही मिलता । आज मंगलवार 19 जून तक काम का जारी रहना , कही न कही खुदाई कर्त्ता और प्रशासन की मिली भगत की तरफ इशारा तो कर ही रहा है । काम उमेश मिश्र करा रहे है , रोकना जिला प्रशासन का काम है और बदनाम सांसद भरत सिंह हो रहे है । यह तो वही कहावत हो गयी राजा को खबर नही भीलो ने बांट लिये जंगल । बिना किसी सक्षम आदेश के लगातार चल रहे खुदाई से सांसद की प्रतिष्ठा को धूमिल करने में प्रशासन शामिल तो नही , इसकी जांच उच्च स्तरीय होनी चाहिये क्योकि यह एक सांसद की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ सवाल है ।