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छात्रों आंदोलनकारियों ने डाक खाने को किया था आग के हवाले,लाइनें उखाड़ी, बैरिया थाने पर फहराया तिरंगा



   15 अगस्त (शनिवार )1942

 

मधुसूदन सिंह

बलिया।। 12 अगस्त 1942 को छात्रों के जुलुस पर सिटी मजिस्ट्रेट मिस्टर ओयस के द्वारा पश्चिमी रेलवे फाटक पर जिस तरह से बेरहमी से लाठी चार्ज कराकर पिटाई करायी गयी थी, उससे छात्रों मे काफ़ी आक्रोश था। 15 अगस्त तक आंदोलन की आग जनपद के कोने कोने तक पहुंच चुकी थी। खार खाये छात्रों का जुलुस चौक स्थित डाकखाने पहुँचकर उसे आग के हवाले कर दिया, तिजोरी तोड़ दी गयी तथा पोस्ट ऑफिस पर तिरंगा लहराने लगा।





सुरेमनपुर स्टेशन पर हजारों की संख्या में लोग जुट गए, देखते ही देखते 'इंकलाब जिन्दाबाद' के नारों के बीच लाईनें उखाड़ डाली गई, टेलीफोन के तार काट दिए गए और स्टेशन में आग लगा दिया गया। बैरिया थाने को 12 बजे दिन में घेर लिया गया, तत्कालीन थानेदार उग्र भीड़ के तेवर देख हकलाने लगा और जल्दी से तिरंगा लेकर थाने पर फहरा दिया। हुजूम खुशी-खुशी रानीगंज बाजार की ओर चल पड़ा। बकुल्हा, रेवती, रसड़ा, बिल्थरारोड स्टेशनों पर दिन भर गहमा-गहमी बनी रही।