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परिवीक्षा अवधि के प्राध्यापक को कार्यकारी प्रधानाचार्य बनाने का प्रयास,अध्यापकों में आक्रोश

 



बलिया ।। मात्र 4 माह की सेवा वाले प्राध्यापक को कार्यकारी प्रधानाचार्य बनाने की कोशिश के कारण विद्यालय के अन्य शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों में आक्रोश भर रहा है । इस संबंध में बलिया एक्सप्रेस ने जब कार्यकारी डीआईओएस/एसोसिएट डीआईओएस राकेश कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि नियमो के आलोक में ही कोई आदेश किया जायेगा । कहा कि योग्य/अर्हता वाले शिक्षक  नही मिलेंगे तो विद्यालय का वित्तीय कार्य प्रभावित न हो,इसके लिये एकल विधि से खाते के संचालन का भी आदेश किया जा सकता है । कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई भी कार्य नही किया जायेगा, जिसके कारण मुझे बाद में माननीय कोर्ट में जाना पड़े ।

बता दे कि परमहंस इंटर कॉलेज मझौली बलिया के प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हो गये है, ऐसे में यहां का वित्तीय व प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है । इस विद्यालय में पुराने जो भी अध्यापक है वो सभी एलटी ग्रेड में है,मात्र 1 अध्यापक ऐसे है जो लेक्चरर के रूप में 4 माह पहले भेजे गये है । नियमानुसार नई नियुक्ति वाले कर्मी को 1 साल की परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के बाद ही स्थायी कर्मी माना जाता है । वही किसी भी विद्यालय के प्रधानाचार्य का पद काफी महत्वपूर्ण है । इस पद पर हमेशा से ही अनुभव वाले अध्यापक की ही नियुक्ति होती है । लेकिन इस विद्यालय के प्रबंधक व डीआईओएस कार्यालय के एक चर्चित बाबू के गठजोड़ ,सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर कार्यकारी प्रधानाचार्य के रूप में परिवीक्षाधीन प्राध्यापक को बनाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है ।





 कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधक गौतम तिवारी द्वारा गलत तरीके से राजकुमार तिवारी प्रभारी प्रधानाचार्य के 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने के उपरांत विद्यालय में दिसंबर में कार्यभार ग्रहण करने वाले आयोग से आये हुए प्रवक्ता हरिनारायण यादव को प्रभारी प्रधानाचार्य का चार्ज बिना विभाग की अनुमति प्राप्त किए दे दिये है  और इस कृत्य में कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक के एक वरिष्ठ लिपिक का हाथ है । आरोप तो यहां तक है कि वरिष्ठ लिपिक द्वारा अपने सजातीय को कार्यकारी प्रधानाचार्य बनाने के लिये कार्यकारी जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार के ऊपर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है ।