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हल्की बरसात ने खोली नगर पालिका के भ्रष्टाचार की पोल,योगी जी देखिये बलिया में आपको दिखायी गयी आल इज वेल की कैसे खुली है पोल

                        पुलिस अधीक्षक बलिया का जलमग्न कार्यालय


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। पिछले शुक्रवार को सीएम योगी बलिया दौरे पर थे । प्रशासन ने सीएम को वो गुलाबी रिपोर्ट कार्ड दिखाया कि योगी जी अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए आल इज वेल कहकर चलते बने । कहते है कि झूठ का पैर नही होता,यही बलिया में देखने को मिला । अधिकारियों द्वारा सीएम के समक्ष झूठी रिपोर्ट से लगता है ईश्वर भी नाराज हो गये और दो दिनों की बरसात में ही शहर की कई सड़को व मुहल्लों को तालाब की शक्ल में बदल कर मानो कह रहे हो - यह है आल इज वेल ।

जी,हां ,पिछले 4 सालों से नगर पालिका को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाने वाले अधिशाषी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा के भ्रष्टाचार की दो दर्जन से अधिक शिकायतों को जब प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच के नाम पर अपनी आलमारियों में बंद कर इस अधिकारी को अभयदान देने का सिलसिला जब बदस्तूर जारी रखा तो नाराज प्रकृति ने अब सभी घोटालेबाजो की पोल खोलनी शुरू कर दी है ।

हैरानी की बात यह है कि जिस सड़क पर प्रदेश सरकार के मंत्री और सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल रहते है,वह सड़क जो राष्ट्रीय राजमार्ग भी है, पिछले 4 सालों से बरसात में तरणताल बन जाती है । बावजूद इसके इस तरफ न तो मंत्री जी, न ही जिला प्रशासन, न ही नगर पालिका ने ध्यान देना जरूरी समझा है । मंत्री के घर जाने वाली सड़क पिछले 4 सालों से तालाब बन जाती हो, स्थानीय चौकी डूब जाती हो,बावजूद इसके इन सबके लिये जिम्मेदार अधिशाषी अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपो से भी घिरा हो और उस पर मंत्री जी भी कोई कार्यवाही नही करा पाते हो तो इस क्षेत्र की जनता को जलालत भरी जिंदगी बरसात में तो जीनी ही पड़ेगी ।

जरा मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के आवास की तरफ जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 31 गाजीपुर से हाजीपुर की दशा देखिये --







बलिया शहर का केवल यही एक क्षेत्र नही है जो जलमग्न है ,सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में काजीपुरा कालोनी,हरिपुर मिड्ढी, आवास विकास कालोनी,केशरवानी टोला, श्रीराम विहार कालोनी,टैगोर नगर,आनंद नगर बरसात में जलमग्न हो जाता है । चाहे मॉडल तहसील हो,पुलिस लाइन हो या पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभी जलमग्न हो चुके है ।

पुलिस चौकी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का नजारा भी देख लीजिये -




 बलिया शहर से होकर निकलने वाली एनएच 31 का हाल सबसे बुरा हैं । जहाँ एनएच31 पर भारी बारिश के चलते गाड़ियों को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं,वही पानी मे गाड़ियां हिलोरें मारती नजर आ रही हैं । वही पुलिस अधीक्षक कार्यालय और जापलिंगंज पुलिस चौकी पूरी तरह डूब चुकी।लेकिन नगरपालिका बलिया का दावा है कि जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए करोड़ो रूपये के कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। ऐसी दुर्दशा 4 साल से शहर झेल रहा है और ईओ आज भी बना हुआ है तो समझ लीजिये भ्रष्टाचार का पानी यूंही नही सड़क पर बह ही नही रहा है,हिलोरें मार रहा है ।








 लगातार हो रही बारिश ने बलिया नगरपालिका के इंतज़ामों की सरेआम पोल खोल कर रख दी है । सिर्फ मोहल्ले और इलाकों का नाम बदलते जाइये ,जलजमाव से जूझते नगरवासियों का दर्द एक जैसा ही मिलेगा। बलिया शहर से होकर निकलने वाली एनएच31 का हाल सबसे बुरा हैं। जहाँ एनएच31 पर मूसलाधार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई की बलिया शहर से निकलने वाली एनएच31 का हाल बद से बत्तर हो गया हैं।एनएच31 पर चलने वाली गाड़ियों को देखिए कैसे सड़को पर पानी मे हिलोरें मारती नजर आ रही हैं। अब जरा बलिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय की तस्वीर देखिये । पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चारों तरफ पानी ही पानी है वही नही जापलीनगंज पुलिस चौकी को देखिए ये सादे ड्रेस में खड़े यह पुलिस कर्मी हैं, जहाँ इन पुलिस कर्मियों के आवास से लेकर पुलिस चौकी तक बारिश और नाले का गंदा पानी से लबालब भरा हुआ हैं। नाले और नालियां जाम है जिससे सड़के तालाब बन गई है। ऐसे में लोग प्रदूषित पानी मे ही जीने को मजबूर हैं।

 शहरवासियो के दुखनिवारण के नाम पर नाले और नालियों की सफाई के लिए   करोड़ों के टेंडर बलिया नगरपालिका ने किए। दावा किया जाता रहा कि बलिया शहर की मुश्किलें कम हो जाएंगी पर मानसून की पहली बारिश के सामने सारे दावे फेल हो गए।

बाइट- कन्हैया दुबे राहगीर



बाइट- दिनेश विश्वकर्मा(अधिशासी अधिकारी, बलिया नगरपालिका)