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योगी सरकार ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में की वृद्धि

 



ए कुमार

लखनऊ ।।योगी सरकार ने ग्राम,क्षेत्र व जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियो के लिए खोला खजाना योगी सरकार ने ग्राम,क्षेत्र व जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियो के लिए खोला खजाना ग्राम प्रधानों को वित्तीय अधिकारों को बढ़ाते हुए पांच लाख और जिला पंचायतों के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाते कर 25 लाख कर दिया गया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश ग्राम उत्कर्ष समारोह में प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों को संदेश दिया समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्षों के वित्तीय अधिकार भी बढ़ा दिया हैउन्होंने घोषणा की कि ग्राम प्रधानों को वित्तीय अधिकारों को बढ़ाते हुए पांच लाख और जिला पंचायतों के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाते कर 25 लाख कर दिया गया है.

इस अवसर पर उन्होंने कहा, 'अगर ग्राम पंचायतों का पूरा सहयोग मिले तो यूपी के विकास को केंद्र, राज्य के साथ ही गांव से ट्रिपल इंजन की ताकत मिलेगी और प्रदेश का कायाकल्प हो जाएगा.उन्होंने कहा, 'स्मार्ट गांव बनाने के लिए मैं आप सभी का आह्वान करता हूं.उन्होंने कहा कि देश का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि ग्राम पंचायतों का सम्पूर्ण विकास नहीं हो जाता.

उन्होंने मंच से कहा कि ग्राम पंचायत सदस्यों को भी अब प्रति बैठक मिलेगा मानदेय. वहीं क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों का भी मानदेय बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि हर गांव में ग्राम पंचायत कोष बनेगा. जनप्रतिनिधियों के निधन पर उनके स्वजनों को अनुकंपा धनराशि दी जाएगी.



 योगी सरकार ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 रूपये कर दिया है। ब्लॉक प्रमुख को 9800 की जगह 11300 और जिला पंचायत अध्यक्ष को अब 14000 की जगह 15500 रुपये मानदेय मिलेंगे। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सदस्य को प्रति बैठक 100 रुपये मिलेंगे। एक साल में ग्राम पंचायत की 12 बैठकें होंगी। इसी क्रम में बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) को प्रति बैठक 500 रुपये की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। एक साल में क्षेत्र पंचायत की छह बैठकें होंगी। जिला पंचायत सदस्य को अब प्रति बैठक 1000 रुपये की जगह 1500 रुपये मिलेंगे और जिला पंचायत की भी एक साल में छह बैठक होगी।






  मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष से आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होने पर ग्राम प्रधान के परिजनों को 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 5 लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को 3 लाख और ग्राम पंचायत सदस्य के परिजनों को 2 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान व पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।मनरेगा में ग्राम पंचायतों से अब भुगतान

अगले 03 माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम पंचायत सम्मेलन में की गयी घोषणा


1. मानदेय में वृद्धि


(i) ग्राम प्रधान रू. 3500 से बढ़ाकर रू. 5,000 प्रति माह


(ii) प्रमुख क्षेत्र पंचायत- रू. 9,800 से बढ़ाकर रू. 11,300 प्रति माह


(iii) अध्यक्ष, जिला पंचायत रू. 14,000 से बढ़ाकर रू. 15,500 प्रति माह। 


(iv) जिला पंचायत सदस्य का रू. 1000 प्रति बैठक से बढ़ाकर रु.1500 प्रति बैठक साल में - अधिकतम 6 बैठक


(v) क्षेत्र पंचायत सदस्य का रू.500 प्रति बैठक से बढ़ाकर रू. 1000 प्रति बैठक साल में - अधिकतम 6 बैठक।


(vi) सदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। अब रू. 100 प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है साल में अधिकतम 12 बैठक।


मानदेय की धनराशि राज्य स्तर पर पृथक्कर शेष राज्य वित्त आयोग की राशि का वितरण ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के मध्य किया जाएगा। मानदेय की धनराशि आवश्यकतानुसार पंचायतों को अवमुक्त की जाएगी। 


2. परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के वित्तीय प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारों में वृद्धि 


प्रति कार्य रू.2.00 लाख की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर रू. 5 लाख । 

जिला पंचायतों के लिए वर्तमान रू. 10 लाख की सीमा को बढ़ाकर रू. 25 लाख किया गया है।


3. प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारों में वृद्धि 


ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य विकास खण्ड के नामित अभियंता के अतिरिक्त जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग, आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मण्डी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता / सहायक अभियंता से करा सकते हैं। 


4.पंचायती राज निदेशालय द्वारा जनपदों के लिए तैयार किए जाने वाले सिविल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, डिग्री होल्डर, रजिस्टर्ड आर्कीटेक्ट के पैनल द्वारा भी निर्धारित फीस पर स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य करा सकती हैं।


5. कार्य प्रणाली में सुधार 


भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।


  6. ग्राम पंचायत कोष की स्थापना 


पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान यदि मृत्यु होती हैं तो ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष, जिला पंचायत को रू.10.00 लाख, सदस्य, जिला पंचायत को रू.5.00 लाख, सदस्य, क्षेत्र पंचायत को रू.3.00 लाख एवं सदस्य, ग्राम पंचायत को रू. 2.00 लाख की राशि मृतक के आश्रित को प्रदान की जाएगी।


7. मनरेगा में ग्राम पंचायतों द्वारा भुगतान 


अगले 03 माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।


8. जिला योजना समिति में भागीदारी


जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जायेंगे।


9. जिला प्रशासन से संवाद का प्लेटफार्म


प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान / पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।