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कालाजार से बलिया को बचाने के लिये स्वास्थ्य महकमे ने कसी कमर : 24सितम्बर से कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का शुरू हो रहा छिड़काव , 13 ब्लाकों में होगा छिड़काव, बैठक में बनी रणनीति

कालाजार से बलिया को बचाने के लिये स्वास्थ्य महकमे ने कसी कमर : 24सितम्बर से कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का शुरू हो रहा छिड़काव , 13 ब्लाकों में होगा छिड़काव, बैठक में बनी रणनीति



बलिया, 21 सितंबर 2019 – जनपद में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में किया गया। जिले में कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिडकाव 24 सितंबर से किया जाएगा। छिड़काव का कार्य जनपद के 13 ब्लॉकों में किया जायेगा जो कालाजार से प्रभावित हैं। इस छिड़काव की मदद से ग्रामीण इलाके के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता हैं, को खत्म किया जा सकेगा। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ नीलोत्पल कुमार ने दी।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कालाजार एक जानलेवा रोग है जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान के दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है।
किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नही लगना, रोगों में खून की कमी, रोगों का वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण पाएँ जाएँ हो तो तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर निःशुल्क जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।